एश्ले बार्टी: टेनिस की नंबर-1 खिलाड़ी जो नेटबॉल से लेकर वुमंस बिग बैश लीग तक में खेल चुकी हैं

24 साल की एश्ले बार्टी दुनिया की नंबर-1 महिला टेनिस खिलाड़ी हैं.
अगर नेटबॉल की खिलाड़ी, क्रिकेट में कामयाबी के झंडे गाड़ने के बाद टेनिस में धमाल मचाए तो उसकी फैन-फॉलोइंग करोड़ों में होना लाजिमी है. 24 साल की एश्ले बार्टी (Ashleigh Barty) ने ऐसा ही कमाल किया है.
- News18Hindi
- Last Updated: April 28, 2020, 8:53 PM IST
नई दिल्ली. अगर नेटबॉल का बेहतरीन खिलाड़ी, क्रिकेट में कामयाबी के झंडे गाड़ने के बाद टेनिस (Tennis) में धमाल मचाए तो उसकी फैन-फॉलोइंग करोड़ों में होना लाजिमी है. यह कमाल ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी (Ashleigh Barty) ने किया है. बार्टी ऑस्ट्रेलिया (Australia) की टी20 क्रिकेट लीग में खेल चुकी हैं. एक समय तो वे नेशनल क्रिकेट टीम में जगह बनाने के करीब थी. आज ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम टी20 विश्व कप चैंपियन है और बार्टी इस टीम के आसपास भी नहीं है. वह तो दुनिया की नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी हैं.
एश्ले बार्टी अभी महज 24 साल की हैं, लेकिन उनका करियर इतना दिलचस्प है कि एकबारगी तो हैरान ही कर देता है. महज 4 साल की उम्र में टेनिस का रैकेट थामने वाली यह खिलाड़ी बचपन से ही नेटबॉल भी खेलती थी. वह जितना अच्छी टेनिस में थी, उतनी ही नेटबॉल में भी. लेकिन कुछ दिन बाद उन्होंने नेटबॉल खेलना छोड़ दिया. उनका कहना था कि यह लड़कियों का खेल है. उनके नेटबॉल छोड़ने का एक कारण यह भी था कि उनकी दोनों बड़ी बहनें सारा और अली उनसे बेहतर नेटबॉल खेलती थीं.
2011 में विंबलडन का जूनियर गर्ल्स खिताब जीता
नेटबॉल छोड़कर उन्होंने टेनिस पर फोकस किया. वे 2010 में 14 साल की उम्र में प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी बन गईं. एक साल के भीतर ही उन्होंने विंबलडन में जूनियर गर्ल्स का खिताब जीत लिया. वे 2014 तक टेनिस खेलती रहीं और सिंगल्स में टॉप 200 खिलाड़ियों में शामिल हो गईं. उन्हें टेनिस खेलना तो पसंद था, लेकिन छोटी से उम्र में हर सप्ताह अकेले लंबा सफर करना रास नहीं आ रहा था. इससे तंग आकर उन्होंने 2014 में प्रोफेशनल टेनिस से ब्रेक लेने की घोषणा की. इसके बाद वे क्रिकेट खेलने लगीं. बड़ी बात यह भी है कि इस फैसले में भी उन्हें परिवार ने पूरा समर्थन दिया. किसी ने इस बात के लिए दबाव नहीं बनाया कि वह टेनिस में बनता करियर क्यों छोड़ रही हैं.2015 में खुद को क्रिकेट में आजमाया
टेनिस से प्यार करने वाली बार्टी ने इसके बाद क्रिकेट का बल्ला थाम लिया था. उन्होंने टेनिस के बारे में बात करनी भी बंद कर दी. एश्ले बार्टी ने स्थानीय टीम क्वींसलैंड फायर से संपर्क किया. कोच ने उनका खेल देखा और उन्हें ट्रेनिंग देने लगे. बार्टी वेस्टर्न सबअर्ब डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट क्लब में चुन ली गईं. बार्टी टीम की उम्मीद पर खरी उतरीं. उन्होंने ब्रिस्बेन वुमंस प्रीमियर लीग में सबसे अधिक रन बनार. उनकी टीम चैंपियन बनीं. बार्टी का क्रिकेट सफर चल निकला. अब वे वुमंस बिगबैश लीग (Womens Big Bash League) में ब्रिस्बेन हीट्स (Brisbane Heats) की टीम में शामिल हो चुकी थीं. वे लीग में एक सीजन खेलीं. फिर टीम गेम छोड़कर इंडिविजुएल गेम टेनिस का दामन थाम लिया.
2018 में ग्रैंडस्लैम चैंपियन बनीं
एश्ले बार्टी ने 2016 में क्रिकेट छोड़ फिर से टेनिस में वापसी कर ली. उन्होंने इसी साल अपना पहला आईटीएफ खिताब जीता. दो साल बाद उन्होंने 2018 में यूएस ओपन (US Open) का महिला डबल्स खिताब जीता. यह उनका पहला ग्रैंडस्लैम खिताब था. एश्ले बार्टी 2019 में फ्रेंच ओपन (French Open) चैंपियन बनीं. यह उनका पहला सिंगल्स ग्रैंडस्लैम खिताब था. इसकी बदौलत ही वे नंबर-1 खिलाड़ी (World No1 Tennis Player) भी बन गईं. ऑस्ट्रेलिया की यह खिलाड़ी आज भी चोटी पर कब्जा जमाए हुए है.
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एश्ले बार्टी अभी महज 24 साल की हैं, लेकिन उनका करियर इतना दिलचस्प है कि एकबारगी तो हैरान ही कर देता है. महज 4 साल की उम्र में टेनिस का रैकेट थामने वाली यह खिलाड़ी बचपन से ही नेटबॉल भी खेलती थी. वह जितना अच्छी टेनिस में थी, उतनी ही नेटबॉल में भी. लेकिन कुछ दिन बाद उन्होंने नेटबॉल खेलना छोड़ दिया. उनका कहना था कि यह लड़कियों का खेल है. उनके नेटबॉल छोड़ने का एक कारण यह भी था कि उनकी दोनों बड़ी बहनें सारा और अली उनसे बेहतर नेटबॉल खेलती थीं.
2011 में विंबलडन का जूनियर गर्ल्स खिताब जीता
नेटबॉल छोड़कर उन्होंने टेनिस पर फोकस किया. वे 2010 में 14 साल की उम्र में प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी बन गईं. एक साल के भीतर ही उन्होंने विंबलडन में जूनियर गर्ल्स का खिताब जीत लिया. वे 2014 तक टेनिस खेलती रहीं और सिंगल्स में टॉप 200 खिलाड़ियों में शामिल हो गईं. उन्हें टेनिस खेलना तो पसंद था, लेकिन छोटी से उम्र में हर सप्ताह अकेले लंबा सफर करना रास नहीं आ रहा था. इससे तंग आकर उन्होंने 2014 में प्रोफेशनल टेनिस से ब्रेक लेने की घोषणा की. इसके बाद वे क्रिकेट खेलने लगीं. बड़ी बात यह भी है कि इस फैसले में भी उन्हें परिवार ने पूरा समर्थन दिया. किसी ने इस बात के लिए दबाव नहीं बनाया कि वह टेनिस में बनता करियर क्यों छोड़ रही हैं.2015 में खुद को क्रिकेट में आजमाया
टेनिस से प्यार करने वाली बार्टी ने इसके बाद क्रिकेट का बल्ला थाम लिया था. उन्होंने टेनिस के बारे में बात करनी भी बंद कर दी. एश्ले बार्टी ने स्थानीय टीम क्वींसलैंड फायर से संपर्क किया. कोच ने उनका खेल देखा और उन्हें ट्रेनिंग देने लगे. बार्टी वेस्टर्न सबअर्ब डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट क्लब में चुन ली गईं. बार्टी टीम की उम्मीद पर खरी उतरीं. उन्होंने ब्रिस्बेन वुमंस प्रीमियर लीग में सबसे अधिक रन बनार. उनकी टीम चैंपियन बनीं. बार्टी का क्रिकेट सफर चल निकला. अब वे वुमंस बिगबैश लीग (Womens Big Bash League) में ब्रिस्बेन हीट्स (Brisbane Heats) की टीम में शामिल हो चुकी थीं. वे लीग में एक सीजन खेलीं. फिर टीम गेम छोड़कर इंडिविजुएल गेम टेनिस का दामन थाम लिया.
Exciting times ahead!! @HeatWBBL #TurnUpTheHeat pic.twitter.com/PPSplXSYsO
— Ash Barty (@ashbarty) October 14, 2015
2018 में ग्रैंडस्लैम चैंपियन बनीं
एश्ले बार्टी ने 2016 में क्रिकेट छोड़ फिर से टेनिस में वापसी कर ली. उन्होंने इसी साल अपना पहला आईटीएफ खिताब जीता. दो साल बाद उन्होंने 2018 में यूएस ओपन (US Open) का महिला डबल्स खिताब जीता. यह उनका पहला ग्रैंडस्लैम खिताब था. एश्ले बार्टी 2019 में फ्रेंच ओपन (French Open) चैंपियन बनीं. यह उनका पहला सिंगल्स ग्रैंडस्लैम खिताब था. इसकी बदौलत ही वे नंबर-1 खिलाड़ी (World No1 Tennis Player) भी बन गईं. ऑस्ट्रेलिया की यह खिलाड़ी आज भी चोटी पर कब्जा जमाए हुए है.
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