भारत ने थॉमस कप जीतकर रचा इतिहास (PIC/Instagram)
नई दिल्ली. भारत ने थॉमस कप के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर इतिहास रच दिया. भारत ने 73 साल में पहली बार इस खिताब को जीता. भारत इस खिताब जीतने वाला छठा देश बन गया है. खिताबी मुकाबले में किदांबी श्रीकांत, लक्ष्य सेन से सजी भारतीय बैडमिंटन टीम ने इंडोनेशिया को 3-0 से हराया. फाइनल के पहले मैच में लक्ष्य सेन ने जीत दिलाकर टीम को 1-0 से बढ़त दिलाई. लक्ष्य ने एंथोनी सिनिसुका को 8- 21, 21- 17, 21- 16 से मात दी.
सेमीफाइनल में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में असफल रहने वाले लक्ष्य सेन ने फाइनल में कोई गलती नहीं की. पहला गेम बुरी तरह से गंवाने के बाद उन्होंने दूसरे गेम में वापसी की और एंथोनी पर दबाव बनाना शुरू किया. उन्होंने अगले दोनों गेम शानदार अंदाज में जीते.
सात्विक और चिराग को बहाना पड़ा पसीना
भारत के इस सफर को सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने भी बरकरार रखा. भारतीय जोड़ी ने 18-21, 23-21, 21-19 से दूसरा मुकाबला जीतकर भारत को 2-0 से बढ़त दिला दी. हालांकि भारतीय जोड़ी को जीत के लिए काफी पसीना बहाना पड़ा. भारतीय जोड़ी ने मोहम्मद अहसन और केविन संजय के खिलाफ पहला गेम गंवाया और दूसरे गेम में 4 मैच प्वाइंट बचाए. इसके बाद तीसरा गेम भी अपने नाम कर लिया.
श्रीकांत ने 48 मिनट में दिलाई जीत
इसके बाद भारत के अनुभवी बैडमिंटन खिलाड़ी किंदाबी श्रीकांत ने 8वें नंबर के खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी पर सीधे गेमों में 48 मिनट में 21-15, 23-21 से जीत हासिल करके भारत को पहली बार थॉमस कप चैंपियन बना दिया. सेमीफाइनल में अहम जीत दिलाकर भारत को फाइनल में पहुंचाने वाले एसएस प्रणय और एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला की जोड़ी को कोर्ट पर उतरने की जरूरत ही नहीं पड़ी.
इंडोनेशिया को मिली टूर्नामेंट में पहली हार
इंडोनेशिया की टीम की टूर्नामेंट में यह पहली और कभी ना भूलने वाली हार है. इससे पहले के सारे मुकाबले में उसने जीत हासिल की थी, जबकि भारत को एकमात्र शिकस्त का सामना ग्रुप चरण में चीनी ताइपे के खिलाफ करना पड़ा था. इंडोनेशिया ने नॉकआउट चरण में जून और जापान को हराया, तो भारत ने पांच बार के पूर्व चैंपियन मलेशिया और 2016 के विजेता डेनमार्क को शिकस्त दी थी.
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