स्वप्ना बर्मन ने लगाया मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वादा ना निभाने का आरोप
भाषा Updated: September 26, 2019, 10:58 PM IST

स्वप्ना बर्मन ने एशियन गेम्स में हेप्थालॉन में गोल्ड मेडल जीता था
ट्रेनिंग में सुविधा के लिए जलपाइगुड़ी (jalpaiguri) में जन्मीं स्वप्ना बर्मन (Swapna Barman) को सॉल्टलेक में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के पूर्वी केंद्र के समीप जमीन देने का वादा किया गया था.
- भाषा
- Last Updated: September 26, 2019, 10:58 PM IST
एशियन गेम्स (Asian Games 2019) की गोल्ड मेडलिस्ट हेप्टाथलान एथलीट स्वप्ना बर्मन (Swapna Barman) ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले साल इंडोनेशिया में खिताब के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने जमीन का टुकड़ा देने का वादा किया था वह अब तक पूरा नहीं किया गया है.
ट्रेनिंग में सुविधा के लिए जलपाइगुड़ी में जन्मीं स्वप्ना को साल्टलेक में भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्वी केंद्र के समीप जमीन देने का वादा किया गया था. लगभग एक साल बीतने के बावजूद स्वप्ना को सिर्फ किराए का घर दिया गया है जिसके लिए उन्हें अपने जेब से हर महीने चार हजार रुपये देने पड़ते हैं.
किराए के मकान में रह रही हैं स्वप्ना
स्वप्ना ने कार्यक्रम के इतर कहा, ‘हमने इतने आग्रह किए लेकिन अधिकारियों ने बताया कि वित्त समिति ने जमीन देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. मैं जानना चाहती हूं कि क्या मुख्यमंत्री को पता है कि उनके वादे के बावजूद मुझे जमीन देने से इनकार किया गया है.’उन्होंने कहा, ‘मुझे सिर्फ 10 लाख रुपये और किराए का घर दिया गया जिसके लिए मैं अपनी जेब से चार हजार रुपये किराया दे रही हूं. यह काफी हताशा भरा है.’ स्वप्ना ने 2002 एशियन गेम्स की सिल्वर मेडलिस्ट सोमा विश्वास का उदाहरण दिया जिन्हें सरकार ने उस समय जमीन दी थी.
इसके अलावा तीरंदाज डोला बनर्जी, टेबल टेनिस खिालाड़ी मौउमा दास और पोलोमी घटक तथा तैराक बुला चौधरी को भी जमीन तोहफे में दी गई. घुटने और पीठ की चोट के लिए रिहैबिलिटेशन से गुजर रही स्वप्ना ने मुश्किल राह के बावजूद ओलिंपिक क्वालिफाइंग स्तर हासिल करने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल है लेकिन मुझे भरोसा है. अंकों में सुधार के लिए अगले साल मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी.’
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ट्रेनिंग में सुविधा के लिए जलपाइगुड़ी में जन्मीं स्वप्ना को साल्टलेक में भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्वी केंद्र के समीप जमीन देने का वादा किया गया था. लगभग एक साल बीतने के बावजूद स्वप्ना को सिर्फ किराए का घर दिया गया है जिसके लिए उन्हें अपने जेब से हर महीने चार हजार रुपये देने पड़ते हैं.
किराए के मकान में रह रही हैं स्वप्ना
स्वप्ना ने कार्यक्रम के इतर कहा, ‘हमने इतने आग्रह किए लेकिन अधिकारियों ने बताया कि वित्त समिति ने जमीन देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. मैं जानना चाहती हूं कि क्या मुख्यमंत्री को पता है कि उनके वादे के बावजूद मुझे जमीन देने से इनकार किया गया है.’उन्होंने कहा, ‘मुझे सिर्फ 10 लाख रुपये और किराए का घर दिया गया जिसके लिए मैं अपनी जेब से चार हजार रुपये किराया दे रही हूं. यह काफी हताशा भरा है.’ स्वप्ना ने 2002 एशियन गेम्स की सिल्वर मेडलिस्ट सोमा विश्वास का उदाहरण दिया जिन्हें सरकार ने उस समय जमीन दी थी.
इसके अलावा तीरंदाज डोला बनर्जी, टेबल टेनिस खिालाड़ी मौउमा दास और पोलोमी घटक तथा तैराक बुला चौधरी को भी जमीन तोहफे में दी गई. घुटने और पीठ की चोट के लिए रिहैबिलिटेशन से गुजर रही स्वप्ना ने मुश्किल राह के बावजूद ओलिंपिक क्वालिफाइंग स्तर हासिल करने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल है लेकिन मुझे भरोसा है. अंकों में सुधार के लिए अगले साल मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी.’
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First published: September 26, 2019, 10:55 PM IST
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