नई दिल्ली. भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन (52 किग्रा) ने बुधवार को इस्तांबुल में दबदबे वाली जीत से वर्ल्ड मुक्केबाजी चैम्पियनशिप (World Boxing Championship) के फाइनल में जगह बनाई. वहीं मनीषा मौन (57 किग्रा) को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैम्पियन जरीन (Nikhat Zareen) ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा के खिलाफ मुकाबले के दौरान संयमित बनी रहीं और अपनी प्रतद्वंद्वी पर पूरी तरह दबदबा बनाए रखा. जिससे वह 52 किग्रा वर्ग के अंतिम चार मुकाबले में सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं. लेकिन मनीषा को टोक्यो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट इटली की इरमा टेस्टा से इसी अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
वर्ष 2019 एशियाई चैम्पियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मनीषा अपनी दूसरी वर्ल्ड चैम्पियनशिप में खेल रही थीं. भारतीय मुक्केबाज ने अपने से तकनीकी रूप से बेहतरीन प्रतिद्वंद्वी को ताकतवर मुक्कों से पछाड़ने की कोशिश की, लेकिन टेस्टा का रक्षण बेहतरीन था. 6 बार की वर्ल्ड चैम्पियन एमसी मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी ऐसी भारतीय महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने वर्ल्ड खिताब अपने नाम किए हैं. अब हैदराबाद की मुक्केबाज जरीन के पास भी इस सूची में शामिल होने का मौका है.
2006 में जीते थे 8 मेडल
भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है, जब देश ने 4 गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज सहित 8 पदक मेडल थे. पिछले चरण में 4 भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ लौटी थीं, जिसमें मंजू रानी ने रजत पदक जीता था, जबकि मैरीकॉम ने ब्रॉन्ज मेडल के रूप में 8वां वर्ल्ड अपने नाम किया था. वहीं परवीन हुड्डा (63 किग्रा) को भी सेमीफाइनल में हार मिली और उन्हें भी ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा. आयरलैंड की एमी ब्रॉडहर्स्ट से उन्हें 1-4 से हार का सामना करना पड़ा.
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