Apple ने अपने ऐप स्टोर प्राइसिंग स्ट्रेक्चर में किया बदलाव,
नई दिल्ली. वैश्विक स्तर पर अपनी ऐप नीतियों को लेकर जांच का सामना कर रही ऐपल ने अपने ऐप स्टोर के लिए प्राइसिंग स्ट्रक्चर में बदलाव किया है. इससे भारत सहित दुनिया भर के ऐप डेवलपर्स को अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी. टेक जायंट ने यह कदम प्राइस पॉइंट में इजाफा करने की घोषणा करने के एक साल से अधिक समय बाद उठाया है. कंपनी ने घोषणा की है कि वह डेवलपर्स को 600 नए प्राइस पॉइंट तक एक्सेस प्रदान करेगी. इसमें एडीशनल 100 हाई प्राइस पॉइंट रिक्वेस्ट पर उपलब्ध होंगे.
इससे ऐप स्टोर पर उपलब्ध प्राइस पॉइंट की कुल संख्या को 900 हो जाएगी. इसके अलावा कंपनी ऐप डेवलपर्स को नए सेट प्राइस टूल भी प्रदान करेगी. ऐप स्टोर कीमतें निर्धारित करना आसान बनाता है और देशों के बीच Foreign exchange rate के बदलाव को मैनेज करता है.
कब से उपलब्ध होंगे नए प्राइस पॉइंट
इससे पहले ऐप स्टोर ने भारत और अन्य उभरते बाजारों में नॉन सब्सक्रिप्शन बेस्ड ऐप और इन-ऐप खरीदारी के लिए 94 प्राइस पॉइंट की पेशकश की थी, जबकि अधिकांश विकसित बाजारों में ये 87 प्राइस पॉइंट उपलब्ध थे. वहीं, सब्सक्रिप्शन-बेस्ड ऐप्स ऐपल ऐप स्टोर पर लगभग 200 प्राइस पॉइंट तक एक्सेस कर सकते थे. बता दें कि नए प्राइस पॉइंट 6 दिसंबर 2022 से ऑटो-रिनुअल सब्सक्रिप्शन ऑफर करने ऐप्स के लिए और 2023 के मध्य तक अन्य सभी ऐप्स और इन-ऐप खरीदारी के लिए उपलब्ध होंगे.
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कितनी होगी बढ़ोतरी
नए सिस्टम के तहत ऐपल डेवलपर्स को अपने ऐप, इन-ऐप खरीदारी या सब्सक्रिप्शन के लिए 9 रुपये से कम और 10,00,000 रुपये तक की कीमतें निर्धारित करने की अनुमति देगा. नए प्राइस पॉइंट में सभी कैटेगरी में बढ़ोतरी होगी. उदाहरण के लिए 9 रुपये से 499 रुपये की रेंज में ऐप्स की कीमत में 5 रुपये की वृद्धि हो सकती हैं, जबकि 500 रुपये से 1,499 रुपये की रेंज में ऐप 10 रुपये की वृद्धि पर हो सकती है.
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करेंसी और टैक्स को मैनेज कर सकेंगे डेवलपर
इसके अलावा डेवलपर अपने ऐप्स की कीमतें निर्धारित करने के लिए राउंडेड प्राइसिंग का उपयोग भी कर सकेंगे. इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि कोई भी मूल्य निर्धारित कर सकता है .अपडेटेड प्राइसिंग पॉलिसी के अलावा Apple ने कहा कि सब्सक्रिप्शन ऐप्स के डेवलपर बहुत आसान तरीके से स्टोरफ्रंट पर करेंसी और टैक्स को मैनेज कर सकेंगे.
भारत में भी जांच
बता दें कि ऐपल अपने प्रतिद्वंद्वी Google की तरह संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और दक्षिण कोरिया सहित कई देशों में अपनी ऐप स्टोर नीतियों को लेकर जांच का सामना कर रही है. वहीं, भारत में भी कॉम्पीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पिछले साल दिसंबर में देश में Apple की बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ एक जांच शुरू की थी. जांच के दौरान पाया गया था कि तकनीकी दिग्गज ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
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