क्या प्रति मिनट इतना बढ़ जाएगा कॉलिंग चार्ज? सामने आया TRAI का नया प्लान

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ट्राई ने नई व्यवस्था में शुल्क की निचली और अधिकतम दरें तय की हैं. जबकि दरें तय करने का अधिकार कंपनियों पर छोड़ दिया है.
- भाषा
- Last Updated: April 18, 2020, 11:15 AM IST
नई दिल्ली. टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथेरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने अंतरराष्ट्रीय कॉल (internation call) को गंतव्य पर पहुंचाने के शुल्क (कॉल टर्मिनेशन चार्ज) में शुक्रवार को एक दायरे में बढ़ोत्तरी करने की छूट दी. पहले ये 30 पैसे प्रति मिनट थी, जिसे अब 35-65 पैसे प्रति मिनट कर दिया है. इससे दूरसंचार कंपनियों को लाभ की उम्मीद है. अंतरराष्ट्रीय कॉल समाप्ति शुल्क, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबी दूरी के कॉल संभालने वाले भारतीय परिचालक (ALDO) को विदेशी काल के गंतव्य वाले नेटवर्क आपरेटर को चुकानी होती है.
इससे जिस घरेलू कंपनी के नेटवर्क पर विदेशों से आने वाली कॉल समाप्त होती है उसे इस शुल्क की राशि मिलती है. ट्राई ने नई व्यवस्था में इस शुल्क की निचली और अधिकतम दरें तय की हैं. जबकि दरें तय करने का अधिकार कंपनियों पर छोड़ दिया है.
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इससे कंपनियां यह तय कर सकती हैं कि इस शुल्क का कितना भार वह उठाएंगी और कितना वह वसूलेंगी और साथ ही वह किस दर से यह शुल्क वसूलेंगी.हालांकि ट्राई ने स्पष्ट किया है कि कंपनियों को सभी आईएलडीओ से इस तरह के शुल्क की वसूली में भेदभाव रहित दृष्टिकोण अपनाना होगा. ट्राई ने कहा कि जिस नेटवर्क पर कॉल समाप्त होगी उसे अपने सहयोगी आईएलडीओ या इस क्षेत्र में काम कर रही अकेली अन्य आईएलडीओ को एक समान शुल्क दर की पेशकश करनी होगी ताकि एक सभी को प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक समान मंच मिल सके. ट्राई ने कहा कि देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय कॉल समाप्ति शुल्क के लिए एक दायरा तय किया गया है. वह इसके अनुपालन पर कड़ी नजर रखेगी.
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इस बारे मे संपर्क करने पर दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा कि ये ‘सही दिशा’ में उठाया गया कदम है. ट्राई ने कंपनियों की वित्तीय हालत पर विचार करना शुरू किया है. सीओएआई के महासचिव राजन मैथ्यूज ने कहा, ‘इससे घरेलू कंपनियों को वैश्विक कंपनियों के बराबर लाने मे मदद मिलेगी.’
इससे जिस घरेलू कंपनी के नेटवर्क पर विदेशों से आने वाली कॉल समाप्त होती है उसे इस शुल्क की राशि मिलती है. ट्राई ने नई व्यवस्था में इस शुल्क की निचली और अधिकतम दरें तय की हैं. जबकि दरें तय करने का अधिकार कंपनियों पर छोड़ दिया है.
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इससे कंपनियां यह तय कर सकती हैं कि इस शुल्क का कितना भार वह उठाएंगी और कितना वह वसूलेंगी और साथ ही वह किस दर से यह शुल्क वसूलेंगी.हालांकि ट्राई ने स्पष्ट किया है कि कंपनियों को सभी आईएलडीओ से इस तरह के शुल्क की वसूली में भेदभाव रहित दृष्टिकोण अपनाना होगा. ट्राई ने कहा कि जिस नेटवर्क पर कॉल समाप्त होगी उसे अपने सहयोगी आईएलडीओ या इस क्षेत्र में काम कर रही अकेली अन्य आईएलडीओ को एक समान शुल्क दर की पेशकश करनी होगी ताकि एक सभी को प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक समान मंच मिल सके. ट्राई ने कहा कि देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय कॉल समाप्ति शुल्क के लिए एक दायरा तय किया गया है. वह इसके अनुपालन पर कड़ी नजर रखेगी.
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इस बारे मे संपर्क करने पर दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा कि ये ‘सही दिशा’ में उठाया गया कदम है. ट्राई ने कंपनियों की वित्तीय हालत पर विचार करना शुरू किया है. सीओएआई के महासचिव राजन मैथ्यूज ने कहा, ‘इससे घरेलू कंपनियों को वैश्विक कंपनियों के बराबर लाने मे मदद मिलेगी.’