इंटरनेट सेफ्टी टिप्स.
कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के चलते बच्चों ने मोबाइल फोन का खूब इस्तेमाल किया है. इस दौरान बच्चों ने मोबाइल फोन के ज़रिए न सिर्फ पढ़ाई की, बल्कि स्कूल की तमाम एक्टिविटी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर ही पूरी की गई. इस वजह से पढ़ाई के अलावा बच्चों में मोबाइल फोन देखने की आदत बढ़ गई है. अब ऑफलाइन क्लास शुरू तो हो गई हैं, लेकिन बच्चों की मोबाइल फोन की लत नहीं छूट रही.
इंटरनेट के दौर में कई तरह के रिस्क और खामियों का खतरा रहता है. यूनिसेफ (UNICEF) के अनुसार, एक तिहाई से ज़्यादा छोटे बच्चे ऑनलाइन साइबर बुलिंग का सामना करने की रिपोर्ट करते हैं. इसके अलावा, यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की रिपोर्ट में भी बढ़ोतरी हुई है.
वेबकैम का एक्सेस, लाइव स्ट्रीमिंग और चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देने वाले प्लेटफॉर्म भी दुनिया भर में कई माता-पिता के लिए चिंता का कारण है. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि किन तरीकों को अपनाकर मां-बाप इंटरनेट की दुनिया को बच्चों के लिए सेफ बना सकते हैं.
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1)बच्चों की Online Activity पर नज़र
इंटरनेट की दुनिया में बच्चे की एंट्री बिलकुल वैसे ही होती है, जैसे किसी कंपनी में इंटर्न की. वह इसलिए क्योंकि इस स्टेज पर बच्चों को इसकी या इससे जुड़ी सिक्योरिटी और खामियों की कोई समझ नहीं होती है. इंटरनेट का नफा-नुकसान उन्हें समय के साथ समझ में आता है. इसलिए मां-बार अपने बच्चों से बात करें कि वह उनके साथ अपना पासवर्ड शेयर कर सकते हैं, जिसका मकसद उन्हीं की सेफ्टी है.
पासवर्ड का इस्तेमाल करके परिजन बच्चों की एक्टिविटी देख सकते हैं कि वह क्या Like, Dislike कर रहे हैं, और इससे वह आने वाले खतरे से बच सकते हैं.
2)Parental Control है ज़रूरी
माता-पिता का कंट्रोल न सिर्फ आपको अपने बच्चे के स्क्रीन-टाइम को ऑनलाइन कंट्रोल करने देता है, बल्कि वह ये भी चेक कर सकते हैं कि बच्चा किस तरह के कंटेंट का एक्सेस कर सकता है. ये आपको उम्र-अनुचित वेबसाइट तक पहुंचने से रोकने में भी आपकी मदद कर सकता है.
3)Social Media है खतरे का घर
ऑनलाइन बुलिंग बच्चों और उनके परिवारों के लिए बड़ी समस्या होती जा रही है. अपने बच्चे को इस बात के बारे में जरूर कहें कि अगर कोई उन्हें परेशान करके या डरा धमका कर कोई काम कराता है तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है. वह उस समय डरने के बजाए मां-बाप से शेयर करें.
बच्चों को हमेशा ये बताते रहें कि जो भी ऑनलाइन जैसा दिख रहा है, ज़रूरी नहीं कि वह वैसा ही हो. इसलिए ऐसा मुमकिन है कि कोई लड़का, अपनी प्रोफाइल पर लड़की की प्रोफाइल बनाकर चैटिंग करता हो.
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4) बच्चों की डिवाइस को अपने आसपास रखें
अगर आपका बच्चा आपके सामने या आसपास की डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा है, तो आप देख सकते हैं कि ऐसा करते समय वह क्या देखता है या करता है. ऐसे में आप उसी समय उसे गलत-सही के बारे में बता सकते हैं, या फिर उसे आदत में सुधार करने के तरीके के बारे में बता सकते हैं. इससे इंटरनेट इस्तेमाल करते हुए बच्चे को अगली बार या आने वाले समय के लिए मदद मिल सकती है.
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