Paytm ने लगाया आरोप, यूजर्स का डेटा बेच रहा है Google Pay
पेटीएम ने NPCI को चिट्ठी लिखकर इस बारे में जानकारी दी है कि कंपनी गूगल पे का डेटा थर्ड पार्टी को बेच रही है
News18Hindi
Updated: September 21, 2018, 2:40 PM IST
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Updated: September 21, 2018, 2:40 PM IST
डिजिटल पेमेंट की सेवाएं देने Paytm ने Google Pay को लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) में शिकायत की है कि गूगल अपने ग्राहकों का पेमेंट डेटा कई कंपनियों और थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स को बेच रही है.
NPCI को लिखे खत में Paytm ने कहा है कि गूगल की पॉलिसी के अनुसार, कंपनी भारतीय ग्राहकों का पेमेंट डेटा अपने एडवर्टाइजमेंट बिजनेस के लिए इस्तेमाल कर रही है और कई कंपनियों व थर्ड पार्टी को भी दे रही है जो कि ग्राहकों के प्राइवेसी के खिलाफ है. खत में यह भी कहा गया है कि गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी के अनुसार, कंपनी विज्ञापन और प्रमोशन के लिए यूजर्स का पर्सनल डेटा कलेक्ट करती है, स्टोर करती है, उसका इस्तेमाल करती है और उसे डिसक्लोज भी करती है.
'मनीकंट्रोल' की खबर के अनुसार, उनके पास पेटीएम द्वारा लिखे गए ख़त की कॉपी है जिसको लेकर उन्होंने गूगल से मेल कर सवाल पूछा. मेल का जवाब देते हुए गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि, 'गूगल किसी भी UPI ट्रांजेक्शन का डेटा मॉनेटाइजेशन जैसे एडवर्टाइजमेंट के लिए इस्तेमाल नहीं करता है.'
हालांकि, इस स्टेटमेंट यह जरूर कहा गया कि Google pay यूजर्स का डेटा ट्रांजेक्शन या फिर गूगल पे की सर्विस को प्रोवाइड करवाने के लिए इसके ऑथराइज़्ड पार्टनर्स के साथ शेयर करता है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि यूजर्स का डेटा बैंक, UPI सर्विस देने वाले बैंक, बिल एग्रीगेटर्स, गूगल पे पर मौजूद मर्चेंट्स जिनसे यूजर ट्रांजेक्शन करता है और किसी सर्विस का बिल देता है उनसे ही डेटा शेयर किया जाता है. यह जानकारी पूरी तरह से नियमों के अनुसार साझा की जाती है.गौरतलब है कि NPCI के अनुसार, किसी भी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर को यह अनुमति नहीं है कि वह यूजर्स का डेटा किसी थर्ड पार्टी से साझा करे, जब तक कि उसे कानूनी तौर पर निर्देश न दिया गया हो या फिर किसी नियामक / सांविधिक प्राधिकारी के सामने पेश करने की जरूरत न हो. इसके अलावा RBI ने भी इस मामले में गाइडलाइन जारी कर सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स को यूजर्स का डेटा देश के भीतर ही स्टोर करने की बात कही थी.
NPCI को लिखे खत में Paytm ने कहा है कि गूगल की पॉलिसी के अनुसार, कंपनी भारतीय ग्राहकों का पेमेंट डेटा अपने एडवर्टाइजमेंट बिजनेस के लिए इस्तेमाल कर रही है और कई कंपनियों व थर्ड पार्टी को भी दे रही है जो कि ग्राहकों के प्राइवेसी के खिलाफ है. खत में यह भी कहा गया है कि गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी के अनुसार, कंपनी विज्ञापन और प्रमोशन के लिए यूजर्स का पर्सनल डेटा कलेक्ट करती है, स्टोर करती है, उसका इस्तेमाल करती है और उसे डिसक्लोज भी करती है.
'मनीकंट्रोल' की खबर के अनुसार, उनके पास पेटीएम द्वारा लिखे गए ख़त की कॉपी है जिसको लेकर उन्होंने गूगल से मेल कर सवाल पूछा. मेल का जवाब देते हुए गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि, 'गूगल किसी भी UPI ट्रांजेक्शन का डेटा मॉनेटाइजेशन जैसे एडवर्टाइजमेंट के लिए इस्तेमाल नहीं करता है.'
हालांकि, इस स्टेटमेंट यह जरूर कहा गया कि Google pay यूजर्स का डेटा ट्रांजेक्शन या फिर गूगल पे की सर्विस को प्रोवाइड करवाने के लिए इसके ऑथराइज़्ड पार्टनर्स के साथ शेयर करता है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि यूजर्स का डेटा बैंक, UPI सर्विस देने वाले बैंक, बिल एग्रीगेटर्स, गूगल पे पर मौजूद मर्चेंट्स जिनसे यूजर ट्रांजेक्शन करता है और किसी सर्विस का बिल देता है उनसे ही डेटा शेयर किया जाता है. यह जानकारी पूरी तरह से नियमों के अनुसार साझा की जाती है.गौरतलब है कि NPCI के अनुसार, किसी भी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर को यह अनुमति नहीं है कि वह यूजर्स का डेटा किसी थर्ड पार्टी से साझा करे, जब तक कि उसे कानूनी तौर पर निर्देश न दिया गया हो या फिर किसी नियामक / सांविधिक प्राधिकारी के सामने पेश करने की जरूरत न हो. इसके अलावा RBI ने भी इस मामले में गाइडलाइन जारी कर सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स को यूजर्स का डेटा देश के भीतर ही स्टोर करने की बात कही थी.
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