सरकार ने कहा- घरेलू कंपनियों के साइबर सुरक्षा उत्पादों को सार्वजनिक खरीद में दें तरजीह

सांकेतिक तस्वीर
इस महीने की शुरुआत में जारी अधिसूचना सार्वजनिक खरीद आदेश 2017 पर आधारित है. इसका लक्ष्य देश में आय एवं रोजगार विस्तृत करना है.
- भाषा
- Last Updated: July 15, 2018, 4:57 PM IST
सरकार ने सरकारी खरीद में ऐसे स्थानीय स्तर पर उत्पादित साइबर सुरक्षा उत्पादों को वरीयता देने का निर्देश दिया है जिनका बौद्धिक संपदा अधिकार देश में स्थित कंपनियों या स्टार्टअप के पास है. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बारे में एक एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है,‘साइबर सुरक्षा को एक रणनीतिक क्षेत्र अधिसूचित किया जाता है और इसमें सरकारी खरीद करने वाली सभी एजेंसियां घरेलू स्तर पर विनिर्मित/उत्पादित साइबर सुरक्षा उत्पादों को तरजीह देंगी.’
इस महीने की शुरुआत में जारी अधिसूचना सार्वजनिक खरीद आदेश 2017 पर आधारित है. इसका लक्ष्य देश में आय एवं रोजगार विस्तृत करना है. नियम के अनुसार बौद्धिक संपदा अधिकार का दावा करने वाली कंपनी को मालिकाना हक का सबूत पेश करना होगा. यह नया आदेश सभी मंत्रालयों और केंद्र सरकार के सभी विभागों में लागू होगा.
इस अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए साइबर सुरक्षा कंपनी इन्नेफू लैब्स ने कहा कि साइबर सुरक्षा में बाजार में तरजीह दिया जाना भविष्य में देश की राष्ट्रीय एवं आर्थिक सुरक्षा का आधार बनेगा.
इन्नेफु लैब्स के सह-संस्थापक तरुण विज ने कहा, ‘स्वदेशी साइबर सुरक्षा उत्पादों का इस्तेमाल एवं उनका प्रोत्साहन किसी भी देश के लिए अपनी जानकारियां सुरक्षित रखने और आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक है. अमेरिका, चीन और रूस इस प्रक्रिया को पहले ही शुरू कर चुके हैं और अब समय आ गया है कि भारत भी इसका अनुसरण करे.’
इस महीने की शुरुआत में जारी अधिसूचना सार्वजनिक खरीद आदेश 2017 पर आधारित है. इसका लक्ष्य देश में आय एवं रोजगार विस्तृत करना है. नियम के अनुसार बौद्धिक संपदा अधिकार का दावा करने वाली कंपनी को मालिकाना हक का सबूत पेश करना होगा. यह नया आदेश सभी मंत्रालयों और केंद्र सरकार के सभी विभागों में लागू होगा.
इस अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए साइबर सुरक्षा कंपनी इन्नेफू लैब्स ने कहा कि साइबर सुरक्षा में बाजार में तरजीह दिया जाना भविष्य में देश की राष्ट्रीय एवं आर्थिक सुरक्षा का आधार बनेगा.
इन्नेफु लैब्स के सह-संस्थापक तरुण विज ने कहा, ‘स्वदेशी साइबर सुरक्षा उत्पादों का इस्तेमाल एवं उनका प्रोत्साहन किसी भी देश के लिए अपनी जानकारियां सुरक्षित रखने और आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक है. अमेरिका, चीन और रूस इस प्रक्रिया को पहले ही शुरू कर चुके हैं और अब समय आ गया है कि भारत भी इसका अनुसरण करे.’