लोकसभा चुनाव में 87 हजार WhatsApp ग्रुप्स के जरिए मतदाताओं को किया जाएगा प्रभावित!
News18Hindi Updated: March 25, 2019, 2:50 PM IST

सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स के अनुसार चुनावी मौसम में विभिन्न सरकारी नीतियों से संबंधित नकली आंकड़ों से लेकर क्षेत्रीय हिंसा को बढ़ावा देने वाली खबरों को प्रमोट किया जाएगा और यूजर्स को प्रभावित किया जाएगा.
सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स के अनुसार चुनावी मौसम में विभिन्न सरकारी नीतियों से संबंधित नकली आंकड़ों से लेकर क्षेत्रीय हिंसा को बढ़ावा देने वाली खबरों को प्रमोट किया जाएगा और यूजर्स को प्रभावित किया जाएगा.
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- Last Updated: March 25, 2019, 2:50 PM IST
अगले महीने की 11 तारीख को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होना है और फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप 87,000 ग्रुप्स के साथ लाखों यूजर्स को राजनीतिक संदेशों के साथ प्रभावित करने के लिए तैयार हैं. वॉट्सऐप के अनुसार, भारत में इसके 20 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर हैं लेकिन यह डेटा फरवरी 2017 का है और कंपनी ने पिछले दो सालों से इस डेटा को अपडेट नहीं किया है.
हांगकांग की काउंटरप्वाइंट की रिसर्च के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की बात करें तो वह करीब 43 करोड़ हैं और अगर इसके मुताबिक देखा जाए तो 20 करोड़ का आंकड़ा सही नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि हर कोई स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहा है और सबके पास वॉट्सऐप है. इसको लेकर
काउंटर प्वाइंट रिसर्च के सहायक निदेशक तरुण पाठक ने बताया, 2016 अंत तक भारत में करीब 28-30 करोड़ स्मार्टफोन यूजर थे. आज, स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 40 करोड़ पार हो गई है. हर उम्र के लोग वॉट्सऐप का प्रयोग कर रहे हैं, इसलिए यह कहना सही होगा कि फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म की पहुंच 30 करोड़ से ज्यादा भारतीयों तक है, जो देश में फेसबुक यूजर के के लगभग बराबर है या उससे बड़ा है.''
ये भी पढ़ेंः वोट डालने जाने के लिए इन मतदाताओं को फ्री में मिलेगी गाड़ी, इस ऐप से करें रिक्वेस्टसोशल मीडिया एक्सपर्ट अनूप मिश्रा ने कहा, 'मतदाताओं को प्रभावित करने के मकसद से 87 हजार से ज्यादा ग्रुप वॉट्सऐप पर एक्टिव हैं. इस चुनावी मौसम में विभिन्न सरकारी नीतियों से संबंधित नकली आंकड़ों से लेकर क्षेत्रीय हिंसा को बढ़ावा देने वाली खबरों, राजनीतिक खबरों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, सरकारी घोटाले, ऐतिहासिक मिथक, देशभक्ति और हिंदू राष्ट्रवाद का प्रचार वॉट्सऐप पर नजर आने वाला है.'
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2.2 करोड़ लोग हो सकते हैं प्रभावितएक ग्रुप में 256 लोग होते हैं और अगर 87 हजार ग्रुप्स को देखें तो एक साथ 2.2 करोड़ लोगों को प्रभावित किया जा सकता है. अब अगर मान लें आने वाले मैसेज को एक यूजर पांच लोगों को फॉरवर्ड कर रहा है (वॉट्सऐप पर एक साथ सिर्फ पांच लोगों को मैसेज फॉरवर्ड किया जा सकता है) और ये ग्रुप्स असल में बड़ी संख्या में वोटर्स को प्रभावित कर सकते हैं.
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फेक न्यूज़ को रोकने के लिए शुरू की पहल
फेक न्यूज़ को रोकने के लिए वॉट्सऐप ने हाल ही में कुछ पहल शुरू की है. टीवी, रेडियो और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जागरूकता अभियान शुरू किया है और इसके अलावा फॉरवर्ड मैसेज को भी पांच लोगों तक लिमिट कर दिया है.
इसके अलावा कंपनी ने नैसकॉम फाउंडेशन से भी साझेदारी की है जिसमें वह लगभग 1,00,000 भारतीयों को फर्जी जानकारी का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण देगा. वॉट्सऐप इंडिया के प्रमुख अभिजीत बोस ने हाल ही में एक बयान में कहा, ‘हमें खुशी है कि हम वायरल कंटेंट को सीमित करने और यूजर को शिक्षित करने के लिए किए गए हालिया बदलावों का प्रभाव पड़ रहा है. यह काम पहले कभी नहीं किया गया था और हम बहुत कुछ कर सकते हैं, हम करेंगे.’
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हांगकांग की काउंटरप्वाइंट की रिसर्च के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की बात करें तो वह करीब 43 करोड़ हैं और अगर इसके मुताबिक देखा जाए तो 20 करोड़ का आंकड़ा सही नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि हर कोई स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहा है और सबके पास वॉट्सऐप है. इसको लेकर
काउंटर प्वाइंट रिसर्च के सहायक निदेशक तरुण पाठक ने बताया, 2016 अंत तक भारत में करीब 28-30 करोड़ स्मार्टफोन यूजर थे. आज, स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 40 करोड़ पार हो गई है. हर उम्र के लोग वॉट्सऐप का प्रयोग कर रहे हैं, इसलिए यह कहना सही होगा कि फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म की पहुंच 30 करोड़ से ज्यादा भारतीयों तक है, जो देश में फेसबुक यूजर के के लगभग बराबर है या उससे बड़ा है.''
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2.2 करोड़ लोग हो सकते हैं प्रभावितएक ग्रुप में 256 लोग होते हैं और अगर 87 हजार ग्रुप्स को देखें तो एक साथ 2.2 करोड़ लोगों को प्रभावित किया जा सकता है. अब अगर मान लें आने वाले मैसेज को एक यूजर पांच लोगों को फॉरवर्ड कर रहा है (वॉट्सऐप पर एक साथ सिर्फ पांच लोगों को मैसेज फॉरवर्ड किया जा सकता है) और ये ग्रुप्स असल में बड़ी संख्या में वोटर्स को प्रभावित कर सकते हैं.
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फेक न्यूज़ को रोकने के लिए शुरू की पहल
फेक न्यूज़ को रोकने के लिए वॉट्सऐप ने हाल ही में कुछ पहल शुरू की है. टीवी, रेडियो और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जागरूकता अभियान शुरू किया है और इसके अलावा फॉरवर्ड मैसेज को भी पांच लोगों तक लिमिट कर दिया है.
इसके अलावा कंपनी ने नैसकॉम फाउंडेशन से भी साझेदारी की है जिसमें वह लगभग 1,00,000 भारतीयों को फर्जी जानकारी का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण देगा. वॉट्सऐप इंडिया के प्रमुख अभिजीत बोस ने हाल ही में एक बयान में कहा, ‘हमें खुशी है कि हम वायरल कंटेंट को सीमित करने और यूजर को शिक्षित करने के लिए किए गए हालिया बदलावों का प्रभाव पड़ रहा है. यह काम पहले कभी नहीं किया गया था और हम बहुत कुछ कर सकते हैं, हम करेंगे.’
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First published: March 25, 2019, 12:32 PM IST