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कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल: इतने पैसे देकर सेटलमेंट करने को तैयार Facebook की पेरेंट कंपनी मेटा

साल 2018 में हुआ था कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल का खुलासा

साल 2018 में हुआ था कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल का खुलासा

साल 2018 से चल रहे कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल को लेकर अब फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने सेटलमेंट को राजी हुई है. कंपनी ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

साल 2018 में हुआ था कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल का खुलासा
कैंब्रिज एनालिटिका एक पॉलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म है
इस फर्म ने 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के प्रेसिडेंशियल कैंपेन के लिए काम किया था

नई दिल्ली. Facebook की पेरेंट कंपनी मेटा ने कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल में मुकदमे को हल करने के लिए 725 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमति जताई है. दरअसल, फेसबुक पर कैंब्रिज एनालिटिका सहित कई और थर्ड पार्टी फर्म्स को यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारियों का एक्सेस देने का आरोप था. अब जाकर इस केस में सेटमेंट होने जा रहा है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रस्तावित समझौते का खुलासा गुरुवार को देर रात एक अदालत में किया गया. इस समझौते से लंबे समय से चल रहे मुकदमे का समाधान होगा. ये मुकदमा फेसबुक पर साल 2018 से चल रहा था. साल 2018 में ये खुलासा हुआ था कि फेसबुक ने ब्रिटिश पॉलिटिकल कंसल्टिंग फर्म कैंब्रिज एनालिटिका को करीब 87 मिलियन यूजर्स के डेटा का एक्सेस दे दिया था.

मेटा की ओेर से दिया गया ये बयान
मेटा की ओर से दी जाने वाली ये रकम किसी भी क्लास एक्शन मुकदमे को हल करने के लिए कंपनी की सबसे बड़ी रकम होगी. मेटा ने फिलहाल इस सेटलमेंट में अपने आप को दोषी नहीं माना है, जो कि सैन फ्रांसिस्को में एक संघीय न्यायाधीश के अनुमोदन के अधीन है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि ये सेटलमेंट हमारे समुदाय और शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में था. मेटा ने ये भी कहा कि, ‘पिछले तीन सालों में हमने गोपनीयता के प्रति अपने दृष्टिकोण को नया रूप दिया और एक व्यापक गोपनीयता कार्यक्रम लागू भी किया.

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कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बारे में जानें
पॉलिटिकल फर्म कैंब्रिज एनालिटिका की बात करें तो ये अभी निष्क्रिय है. इस फर्म ने साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के सफल प्रेसिडेंशियल कैंपेन के लिए काम किया था. इस फर्म ने वोटर प्रोफाइलिंग और टारगेटिंग के लिए लाखों फेसबुक अकाउंट्स की निजी जानकारियों को हासिल कर लिया था.

कैंब्रिज एनालिटिका ने बिना यूजर्स की सहमति के एक रिसर्चर से जानकारियां हासिल की थी. इस रिसर्चर को फेसबुक ने अपने सोशल मीडिया नेटवर्क में एक ऐप डिप्लॉय करने की इजाजत दी थी. इस ऐप से लाखों यूजर्स का डेटा निकल आया था. इस खुलासे के बाद फेसबुक की काफी आलोचना भी हुई थी और मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग को अमेरिकी संसद में पेश भी होना पड़ा था.

Tags: Cambridge Analytica, Facebook Data Leak, Facebook India, Tech news

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