ट्विटर से विवाद के बीच अब Koo ऐप को संपर्क का मुख्य जरिया बनाने की तैयारी में सरकार: सूत्र

कू को देसी ट्विटर कहा जा रहा है.
Koo App Update: किसान आंदोलन के समय से अकाउंट्स को लेकर सरकार और ट्विटर (Twitter) के बीच विवाद जारी है. इसी बीच कू ऐप ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. कई मंत्रालय कू पर अपना अकाउंट तैयार कर चुके हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: February 16, 2021, 2:32 PM IST
नई दिल्ली. सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म ट्विटर और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच तनातनी जारी है. इसी बीच न्यूज18 को सूत्रों से पता चला है कि सरकार जल्द ही कू ऐप (Koo App) को संपर्क का मुख्य जरिया बना सकती है. बताया जा रहा है कि सरकार जरूरी अपडेट्स, जानकारियां 1-3 घंटे पहले कू पर देगी. हालांकि, ट्विटर पर भी इसके बाद जानकारी पोस्ट की जाएगी. ट्विटर और सरकार के बीच किसान आंदोलन (Farmers Protest) मामलों से जुड़े अकाउंट्स को लेकर विवाद जारी है.
मामले के जानकारों ने गोपनीयता की शर्त पर न्यूज18 को बताया कि सरकार जानकारी देने के लिए मुख्य तौर पर कू का इस्तेमाल कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय समेत कई सरकारी विभागों ने कू पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है. सरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन को लेकर 'भड़काऊ सामग्री' वाले अकाउंट्स को हटाए जाने की मांग की थी.
बीते हफ्ते मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में कू के संस्थापक ने कहा था कि प्लेटफॉर्म पर अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन आपको देश के नियमों को मानना होगा. कू के सीईओ और सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णन ने कहा, 'हम बोलने की आजादी के लिए तैयार हैं. हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में रहने वाले सभी लोगों को अभिव्यक्ति का आजादी मिले.'
यह भी पढ़ें: Exclusive: Koo App के फाउंडर बोले- चीनी निवेशक हो रहे हैं अलग, अब हम आत्मनिर्भर भारत ऐपसरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन को लेकर गलत जानकारी फैला रहे अकाउंट्स और पोस्ट पर कार्रवाई करने की मांग की थी. सरकार के अनुसार, गलत जानकारी फैला रहे ज्यादातर अकाउंट्स का संबंध पाकिस्तान से है या उनका संचालन अलगाववादी सिख आंदोलन कर रहा है. खबरें आ रही थीं कि ट्विटर इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है.

वहीं, कुछ समय पहले CNBC TV18 से बातचीत में उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि चीनी निवेशक शुनवेई कंपनी से बाहर हो गया है. News18 को दिए इंटरव्यू में मयंक ने बताया था कि कू के 30 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं. वहीं, बीते 6 महीनों से यह चार गुना रफ्तार से बढ़ रहे हैं. आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज में दूसरे स्थान पर आने के बाद इस ऐप का नाम सामने आया था. इस इवेंट का आयोजन MyGov और NITI आयोग ने बीते साल अगस्त में किया था.
मामले के जानकारों ने गोपनीयता की शर्त पर न्यूज18 को बताया कि सरकार जानकारी देने के लिए मुख्य तौर पर कू का इस्तेमाल कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय समेत कई सरकारी विभागों ने कू पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है. सरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन को लेकर 'भड़काऊ सामग्री' वाले अकाउंट्स को हटाए जाने की मांग की थी.
बीते हफ्ते मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में कू के संस्थापक ने कहा था कि प्लेटफॉर्म पर अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन आपको देश के नियमों को मानना होगा. कू के सीईओ और सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णन ने कहा, 'हम बोलने की आजादी के लिए तैयार हैं. हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में रहने वाले सभी लोगों को अभिव्यक्ति का आजादी मिले.'
यह भी पढ़ें: Exclusive: Koo App के फाउंडर बोले- चीनी निवेशक हो रहे हैं अलग, अब हम आत्मनिर्भर भारत ऐपसरकार ने ट्विटर से किसान आंदोलन को लेकर गलत जानकारी फैला रहे अकाउंट्स और पोस्ट पर कार्रवाई करने की मांग की थी. सरकार के अनुसार, गलत जानकारी फैला रहे ज्यादातर अकाउंट्स का संबंध पाकिस्तान से है या उनका संचालन अलगाववादी सिख आंदोलन कर रहा है. खबरें आ रही थीं कि ट्विटर इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है.
वहीं, कुछ समय पहले CNBC TV18 से बातचीत में उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि चीनी निवेशक शुनवेई कंपनी से बाहर हो गया है. News18 को दिए इंटरव्यू में मयंक ने बताया था कि कू के 30 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं. वहीं, बीते 6 महीनों से यह चार गुना रफ्तार से बढ़ रहे हैं. आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज में दूसरे स्थान पर आने के बाद इस ऐप का नाम सामने आया था. इस इवेंट का आयोजन MyGov और NITI आयोग ने बीते साल अगस्त में किया था.