नई दिल्ली : बधाई जी बधाई.. आपका मोबाइल नंबर लक्की ड्रॉ में शामिल हुआ है. इसमें आपकी 25 लाख रुपये की लॉटरी निकली है. अब ये बात सुनकर पूरा परिवार फूले नहीं समाता. लेकिन ये खुशी उस समय काफूर हो जाती है जब पता चलता है कि साइबर ठगों ने लॉटरी के नाम पर ठग लिया है. लॉटरी लगने या लॉटरी जीतने के फोन कॉल्स पर हर साल सैकड़ों लोग अपनी मेहनत की गाड़ी कमाई लुटा बैठते हैं. समय-समय पर सरकार भी ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में अलर्ट करती रहती है. इसके बाद भी लोग इन साइबर ठगों के झांसे में आकर लुट जाते हैं. कभी डेबिट-क्रेडिट कार्ड के नाम पर तो कभी बैंक अकाउंट के केवाईसी के नाम पर फर्जी कॉल्स अक्सर आते रहते हैं. हमें इस तरह के फोन कॉल से सावधान रहना चाहिए.
कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर लक्की ड्रॉ के जरिए लाखों रुपये का झांसा देकर ठगने वाला गिरोह सक्रिय है. यह गिरोह रोजाना लोगों को ठग रहा है.
आरबीआई का अलर्ट
रिजर्व बैंक समय-समय पर ग्राहकों को अलर्ट करता रहता है. रिजर्व बैंक ने इसके लिए RBI Says के नाम से एक ट्विटर अकाउंट भी बना रखा है. इस ट्विटर अकाउंट के जरिए ग्राहकों को अलग-अलग तरह से अलर्ट किया जाता है.
अगर आपको टैक्स रिफंड या लॉटरी का ऑफर मिलता है तो इस तरह के ऑफर से भी अलर्ट रहें. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने सचेत किया है कि अगर आपको RBI या किसी संस्था के नाम पर बिना मांगे बड़ी रकम जैसे लॉटरी या टैक्स रिफंड का ऑफर मिलता है तो उस पर भरोसा कतई ना करें. शीर्ष बैंक ने कहा है कि कभी भी अपना पिन, ओटीपी या बैंक खाते का विवरण साझा न करें.
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आरबीआई ने कहा है कि अपने खाते में लेनदेन पर तुरंत अलर्ट पाने के लिए बैंक में अपना मोबाइल नंबर और ईमेल रेजिस्टर करें. इसके अलावा धोखाधड़ी होने पर तुरंत बैंक को सूचित करें.
गृह मंत्रालय के सहायक ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त का भी कहना है – लॉटरी वाली धोखाधड़ी से सावधान रहें. याद रखें कि अगर आपने लॉटरी में भाग नहीं लिया है तो आप लॉटरी कभी नहीं जीत सकते हैं. स्कैमर आपको ईमेल या एसएमएस भेजकर लुभाने का प्रयास करते हैं जिसमें कहा जाता है कि आपको विजेता के रूप में रैनडम्ली चुना गया था. ऐसे ई-मेल/एसएमएस को अनदेखा करें.
ठगी के नए-नए तरीके
साइबर ठग एसएमएस और फोन कॉल के जरिए ही सिर्फ ठगी नहीं करते बल्कि ई-मेल और सोशल मीडिया पर भी ठगी की जाती है. ई-कॉमर्स या शॉपिंग वेबसाइट से मिलता-जुलता फर्जी साइट बनाकर किसी व्यक्ति को ई-मेल भेजा जाता है. त्योहारों पर सेल के नाम पर कई तरह के लुभावने ऑफर दिए जाते हैं. यदि कोई इन फर्जी लिंक को क्लिक करता है तो ई-कॉमर्स या शॉपिंग वेबसाइट से मिलते-जुलते पेज पर वह पहुंच जाता है. वहां बहुत सस्ते या डिस्कांउट पर सामान की खरीदारी का झांसा देकर उसके बैंक डिटेल्स और डेबिट कार्ड की जानकारी हासिल कर ली जाती है और फिर उनके खाते से रकम गायब कर दी जाती है.
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