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इन 5 ऐप्स को मोबाइल में इस्तेमाल करना हो सकता है खतरनाक, यूज करने से बचें

मोबाइल फोन में फोटो एडिटिंग जैसे ऐप्स से अधिक खतरा होता है.

मोबाइल फोन में फोटो एडिटिंग जैसे ऐप्स से अधिक खतरा होता है.

स्‍मार्टफोन यूजर्स ध्‍यान रखें कि प्‍ले स्‍टोर से टॉप रेटिंग वाले और लाखों बार डाउनलोड किए जा चुके फोटो-वीडियो एडिटिंग ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

बहुत कम फोटो एडिटिंग ऐप ही सिक्योर होते हैं, इसलिए फोन में कोई भी ऐप सावधानी से इंस्टॉल करें.
फोन में वायरस आने या सिक्‍योरटी का बड़ा खतरा फोटो एडिटिंग कैमरा ऐप व गेमिंग ऐप से रहता है.
मोबाइल में अलग से क्लीनर ऐप डाउनलोड करने से बचें, इन्‍हें सब परमिशन चाहिए होती है.

नई दिल्‍ली. स्‍मार्टफोन में आप बहुत-से एप्‍स रखते होंगे, जो लोग खुद स्‍मार्ट स्किल्‍स वाले होते हैं, उन्‍हें स्‍मार्टफोन में तो शायद ही कभी कोई दिक्‍कत आए. मगर, जो लोग गूगल प्‍ले स्‍टोर को छोड़कर किसी भी वेबसाइट से नए-नए या डेंजर ऐप्‍स डाउनलोड करते हैं, तो मुसीबतों में फंस जाते हैं. क्‍योंकि, आजकल ऐसे ऐप्‍स की भरमार हो गई है, जिनसे न सिर्फ आपके फोन बल्कि, उसमें मौजूद मीडिया फाइल्‍स, आपकी प्राइवेसी, बैंक अकाउंट्स, यहां तक कि आपके संपर्क के लोगों को भी नुकसान हो सकता है.

ऐप्‍स से जुड़े किसी भी खतरे से बचने के लिए हमेशा ध्‍यान में रखें कि अपने फोन के लिए किसी भी ऐप को केवल गूगल प्‍ले स्‍टोर से ही डाउनलोड करें, कोई और माध्‍यम उतना सिक्‍योर नहीं है.

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 जांच-परख करने के बाद ही यूज करें ऐप्स-
1. फोटो और वीडियो एडिटिंग ऐप: जी हां, फोटो और वीडियो एडिटिंग के लिए बहुत से ऐप आ गए हैं. ऐसे में आपको ध्यान रखना चाहिए कि बहुत कम फोटो एडिटिंग ऐप ही सिक्योर होते हैं. कई फोटो ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से बैन करता रहता है. इसलिए ऐप्‍स यूज करने के बजाय बेहतर कैमरा-फीचर वाला स्‍मार्टफोन ही खरीदें.

2. क्लीनर ऐप: फोन की स्पीड बढ़ाने, जंक फाइल या कैचे मेमरी क्लियर करने या डिवाइस को कूल रखने के अनेक क्लीनर ऐप हैं. इन्‍हें कई परमिशन देनी पड़ती हैं. अलग से मत डाउनलोड करें. फ्री एंटी वायरस ऐप के चक्‍कर में भी न पड़ें.

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3. कीबोर्ड ऐप: केवल गूगल वाले टाइपिंग ऐप्‍स यूज करें.

4. फ्लैश लाइट ऐप: अब अधिकतर फोन इनबिल्ट टॉर्च का ऑप्‍शन दे रहे हैं, तो अलग से ऐप्‍स की जरूरत नहीं.

5. गेमिंग ऐप्‍स: फोन में सिक्योरिटी बड़ा इश्यू होती है. प्‍ले स्‍टोर से टॉप रेटिंग वाले व लाखों में डाउनलोड हो चुके ऐप ही लें. अन्‍यथा बड़ा खतरा बच्‍चों की वजह से गेमिंग ऐप्‍स से रहेगा.

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