WhatsApp की नई पॉलिसी को लेकर केंद्र ने जारी किया नोटिस, सरकार ने दिल्ली हाइकोर्ट को दी जानकारी

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, भारतीय और यूरोपीय यूजर्स के लिए अलग प्राइवेसी पॉलिसी चिंता का विषय है.
व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी (WhatsApp Privacy Policy) के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में अहम सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि फोन में व्हाट्सऐप डाउनलोड करना अनिवार्य नहीं है. अगर आपकी प्राइवेसी में दखल हो रहा है तो आप इसे डिलीट कर सकते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 25, 2021, 11:38 PM IST
नई दिल्ली. व्हाट्सऐप के नई प्राइवेसी पॉलिसी (WhatsApp Privacy Policy) को लेकर कदम पीछने के बाद भी मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में व्हाट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार (Central Government) ने कहा, 'यह बेहद चिंता का विषय है कि भारतीय उपभोक्ताओं (Indian Users) के लिए व्हाट्सऐप की नीति में एकतरफा बदलाव किया गया है.' केंद्र ने कहा कि व्हाट्सऐप निजता नीति के संबंध में भारतीय उपयोगकर्ताओं और यूरोपीय उपयोगकर्ताओं के साथ अलग-अलग ढंग से पेश आ रहा है, जो चिंता का विषय है.
'मैप या ब्राउजर में भी आपका डाटा किया जाता है शेयर'
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर व्हाट्सऐप की नई पॉलिसी से आपकी निजता प्रभावित हो रही है तो आप इसे डिलीट कर दीजिए. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक निजी ऐप है. इसका इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि क्या आप मैप या ब्राउजर इस्तेमाल करते हैं? उसमें भी आपका डाटा शेयर किया जाता है. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सरकार को एक्शन लेना चाहिए. यह निजता का उल्लंघन है. व्हाट्सऐप जैसा प्राइवेट ऐप आम लोगों से जुड़ी निजी जानकारियों को साझा करना चाहता है. इस पर रोक लगाने की जरूरत है.
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मामले पर 1 मार्च को सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट
व्हाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में कहा गया कि यह संविधान में दिए मौलिक अधिकारों के खिलाफ है. इसलिए हम चाहते हैं कि यूरोपीय देशों की तरह भारत में भी इस पर कड़ा कानून बने. भारत में सख्त कानून नहीं होने के कारण आम लोगों का डाटा थर्ड पार्टी को बेच दिया जाता है. केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर व्हाट्सऐप को नोटिस जारी कर दिया गया है. सरकार को व्हाट्सऐप के जवाब का इंतजार है. फिलहाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र के इस जवाब के बाद मामले की सुनवाई 1 मार्च 2021 तक के लिए टाल दी है.
'मैप या ब्राउजर में भी आपका डाटा किया जाता है शेयर'
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि अगर व्हाट्सऐप की नई पॉलिसी से आपकी निजता प्रभावित हो रही है तो आप इसे डिलीट कर दीजिए. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक निजी ऐप है. इसका इस्तेमाल अनिवार्य नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि क्या आप मैप या ब्राउजर इस्तेमाल करते हैं? उसमें भी आपका डाटा शेयर किया जाता है. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सरकार को एक्शन लेना चाहिए. यह निजता का उल्लंघन है. व्हाट्सऐप जैसा प्राइवेट ऐप आम लोगों से जुड़ी निजी जानकारियों को साझा करना चाहता है. इस पर रोक लगाने की जरूरत है.
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मामले पर 1 मार्च को सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट
व्हाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में कहा गया कि यह संविधान में दिए मौलिक अधिकारों के खिलाफ है. इसलिए हम चाहते हैं कि यूरोपीय देशों की तरह भारत में भी इस पर कड़ा कानून बने. भारत में सख्त कानून नहीं होने के कारण आम लोगों का डाटा थर्ड पार्टी को बेच दिया जाता है. केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर व्हाट्सऐप को नोटिस जारी कर दिया गया है. सरकार को व्हाट्सऐप के जवाब का इंतजार है. फिलहाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र के इस जवाब के बाद मामले की सुनवाई 1 मार्च 2021 तक के लिए टाल दी है.