नरेंद्र मोदी का अपने मंत्रियों के साथ वाराणसी में तीन दिनों के प्रवास ने जिले सहित अंतिम दो चरणों के चुनावों पर जादू सा असर डाला. भाजपा ने जिले की सभी 8 सीटों पर जीत दर्ज कर शत प्रतिशत सफलता हासिल की है. है.
उत्तर प्रदेश में चार और आठ मार्च को हुए अंतिम दो चरणों के चुनाव में 14 जिलों की 89 सीटें दांव पर थी. इसके अलावा मोदी चूंकि वाराणसी से ही सांसद हैं इसलिए उनके जिले की आठ विधानसभा की सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती थी.
यही वजह थी मोदी ने वाराणसी में जमकर जनसंपर्क अभियान चलाया. यहां तक कि वाराणसी में किए गए सभाओं को लेकर सपा नेता आजम खान ने उन्हें नुक्कड़ नेता तक कह डाला.
वाराणसी जिले की शहर (उत्तरी), शहर (दक्षिणी), वाराणसी कैंट, रोहनिया, सेवापुरी, शिवपुर, पिंडरा और अजगरा विधानसभा की कुल 8 सीटों में
भाजपा का मा़त्र तीन सीटों पर कब्जा था.
सात सीटें निकालने की थी चुनौती
वाराणसी शहर (उत्तरी), शहर (दक्षिणी) और वाराणसी कैंट की अपनी तीनों सीटों को बचाए रखने के अलावा शेष सीटें निकालना भाजपा के नेताओं के लिए कठिन परीक्षा थी. ऐसा इस वजह से कि इन सीटों से जीते अपने दो विधायकों को भाजपा ने टिकट से वंचित कर दिया था.
यही वजह थी कि मोदी के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ही नहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा सहित भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने वाराणसी मैं कैंप किया.
डालते हैं सीटों पर एक नज़र
अजगरा अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट थी और यह बसपा के कब्जे में थी. शिवपुर सीट पर भी बसपा का कब्जा था.
रोहनिया की सीट सर्वाधिक कठिन मानी जा रही थी क्योंकि 2014 मेें मोदी लहर के बावजूद यहां उप चुनाव में भाजपा को समाजवादी पार्टी के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था.
पिंडरा की सीट पर कांग्रेस का कब्जा था और यहां पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा दूसरे स्थान पर भी नहीं थी. वाराणसी जिले की भाजपा ही नहीं कांग्रेस और सपा गठबंधन के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई थी.
यही वजह थी कि चार मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया तो उसी दिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सपा नेता अखिलेश यादव ने भी रोड शो का कार्यक्रम रखा.मोदी तीन दिन वाराणसी में रुके रहे और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी जमकर वहां सभाएं कीं.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2017, 15:19 IST