फाइल फोटो- शीरोज कैफे.
आगरा का ''शिरोज़ हैंग आउट' नाम का कैफे एसिड अटैक विक्टिम्स द्वारा चलाया जाता है. ये कैफे 2014 में एनजीओ स्टोप एसिड अटैक द्वारा शुरू किया गया था. कैफे को शुरू करने का मकसद एसिड अटैक विक्टिम में फिर से जीने का जज्बा पैदा करना था. कैफे में लज़ीज़ खाने के अलावा यहां एसिड अटैक विक्टिम कर्मचारियों की बनाई पेंटिग्स भी बेची जाती थीं.
लेकिन 11 जुलाई की दोपहर कैफे पर बुलडोजर चला दिया गया. कैफे का आधा हिस्सा सरकारी बताकर तोड़ दिया गया. कैफे चलाने वाली एसिड अटैक विक्टिम लक्ष्मी का आरोप है कि कैफे तोड़ने से पहले उन्हें इतना भी वक्त नहीं दिया गया कि वह अपना सामान भी समेट सकें. बाहर रखे सामान पर भी बुलडोजर चला दिया गया. लक्ष्मी के अनुसार इस कैफे से करीब एक दर्जन से अधिक एसिड अटैक विक्टिम्स जुड़े हुए हैं.
जानकारों के अनुसार आज पूर्व सीएम अखिलेश यादव आज आगरा में हैं. इस मौके पर वो शिरोज़ कैफे की एसिड अटैक विक्टिम्स से मुलाकात भी कर सकते हैं.
एसिड अटैक पीड़ितों द्वारा अपने रोज़गार के लिए चलाए जाने वाले शिरोज़ हैंगआउट कैफे पर बिना समय दिए अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत तोड़फोड़ कर नुक़सान पहुँचाना नाइंसाफ़ी है. सरकार ख़ुद तो रोज़गार दे नहीं पा रही है और जो ख़ुद कोशिश कर रहे हैं उन्हें प्रताड़ित कर रही है. निंदनीय कृत्य. pic.twitter.com/2lLEnST1QB
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 14, 2018
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