ताज नगरी आगरा (Agra) में जैसे-जैसे कोरोना (Coronavirus) की जांच तेज हो रही है वैसे वैसे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. ताजनगरी पूरे यूपी में सबसे टॉप पर है. यहां सबसे ज्यादा कोरोना के केस सामने आ चुके हैं. मंगलवार को मिली ताज़ा रिपोर्ट में 28 नए केस सामने आए हैं. इस तरह आगरा में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 308 हो गई है. ये यूपी में सबसे ज्यादा है. शायद इसीलिए आगरा में कोरोना की जांच और तेज करने का फैसला लिया गया है. अब यहां टीबी की जांच मशीन से कोरोना संदिग्धों का टेस्ट होगा.
आगरा स्थित राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइक्रोबैक्टीरियल रोग संस्थान में भी अब
की जांच हो सकेगी. इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने सभी जरूरी संसाधन यहां भेजवा दिया हैं. जालमा में एक दिन में 150 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों की जांच की जा सकेगी. इसे 200 जांचें प्रति दिन तक बढ़ाया भी जा सकेगा.
जालमा संस्थान के निदेशक डॉ श्रीपद ए पाटिल ने बताया कि संस्थान में पहले से अत्याधुनिक लैब मौजूद है. ये संस्थान भी ICMR का है. लिहाजा जांच शुरू कर दी गयी है. इसके लिए जर्मनी से मशीनें मंगाई गई हैं. मंगलवार को पहले दिन मशीनों का टेस्ट किया जा रहा है. बुधवार से संदिग्धों के सैंपल की जांच हो सकेगी. उन्होनें ये भी बताया कि 5-5 वैज्ञानिकों की टीम बना दी गयी है. माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ अजयवीर सिंह को लैब का जिम्मा दिया गया है.
डॉ पाटिल ने बताया कि आगरा में जितनी ज्यादा जांचें की जाएंगी उतना ही कोरोना के संक्रमण का खतरा कम किया जा सकेगा. इसी के मद्देनजर ICMR ने जालमा में कोविड-19 की जांच शुरू करवाई है. अब आगरा में हर रोज 200 से 250 लोगों की जांच हो सकेगी. ये एक बड़ी संख्या है.
जालमा संस्थान में कोरोना की जांच शुरू होने से लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी,KGMU को राहत की सांस मिल सकेगी. अभी आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में 100 के लगभग सैंपल की जांच हो रही है. इससे ज्यादा सभी सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाते हैं. अब जालमा में जांच शुरू होने के साथ ही केजीएमयू पर दबाव कम हो जाएगा.
आगरा में ताजमहल के नजदीक बने इस संस्थान में सबसे पहले कुष्ठ रोग पर काम किया शुरू किया गया. कुष्ठ रिग से जुड़ी जांचें शुरू की गईं लेकिन धीरे-धीरे कुष्ठ रोग पर काबू पाने के बाद यहां टीबी ( क्षय रोग) की जांचें शुरू कर दी गईं. बैक्टेरिया और वायरस पर पहले से ही इस संस्थान में काम होता आ रहा है. अब ये संस्थान Covid-19 पर भी काम करना शुरू कर रहा है. राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइक्रोबैक्टीरियल रोग संस्थान ICMR का ही एक अंग है.
यूपी में कोरोना के घुसने का रास्ता अगर से होकर ही आया था. प्रदेश में सबसे पहले मामला अगरा में ही सामने आया था. बाकी शहरों में इनके पहुंचने से काफी पहले 2 मार्च को ही आगरा में पहला मामला सामने आ गया था. अगले कुछ दिनों में लगा कि ताजनगरी में संकट बढ़ेगा नहीं तभी तब्लीगी जमात और 2 अस्पतालों के जरिये कोरोना का ब्लास्ट हो गया. आज स्थिति बहुत गंभीर हो गयी है. डेढ़ महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या 300 के आंकड़े को पार कर गई है.
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FIRST PUBLISHED : April 22, 2020, 06:26 IST