कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीका स्ट्रेन (South Africa Strain) ने उत्तर प्रदेश में दस्तक दे दी है. दोगुनी रफ्तार की वजह से अफ्रीकी स्ट्रेन को खतरनाक माना जा रहा है. आगरा (Agra) के सीएमओ (CMO) ने भी इस बात की पुष्टि की है. आगरा से सात सैंपल जांच के लिए लखनऊ केजीएमयू (KGMU) भेजे गए थे इनमें से तीन में अफ्रीकी कोरोना स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. मथुरा में भी एक मरीज में अफ्रीकी कोरोना वायरस (Corona Virus) की पुष्टि हुई है. आगरा में भी एक अज्ञात स्ट्रेन मिला है जिस पर शोध किया जा रहा है. अब तक हुए शोध के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका का स्ट्रेन एंटीबॉडीज को धोखा दे सकता है. यही वजह है कि साउथ अफ्रीका में 48 फीसदी मरीज कोरोना से ठीक होने के बाद दोबारा पॉजिटिव हुए.
अब आगरा और मथुरा में अफ्रीकी कोरोना स्ट्रेन के मरीज पाए जाने के बाद स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. कोरोना के नये स्ट्रेन पर अभी अध्ययन चल रहा है. आगरा में अफ्रीकी स्ट्रेन के जो मरीज पाए गए हैं इसकी जानकारी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को भी भेजी गई है.
1- कोरोना के पहले स्ट्रेन की वर्ष 2020 में मार्च महीने से शुरुआत हुई थी. इसके इलाज का जो प्रोटोकॉल अपनाया गया था वो बेहद सफल रहा. इसी स्ट्रेन पर भारत में टीका भी बनाया गया जो अत्यंत कारगर साबित हो रहा है.
2. साउथ अफ्रीका के स्ट्रेन के बारे में कहा जाता है कि यह पहले वाले स्ट्रेन के मुकाबले दोगुनी तेजी से लोगों को संक्रमित करता है. इसका इलाज भी पहले स्ट्रेन की तरह ही किया जा रहा है. इसके मरीज भी स्वस्थ हो चुके हैं.
3. आगरा में जो सैंपल लखनऊ भेजे गए थे उसमें एक अज्ञात स्ट्रेन भी पाया गया है. इसके बारे में डॉक्टरों का कहना है कि यह अपने इस स्पाइक प्रोटीन को बदलने में माहिर है. इस पर वैक्सीन के असर और संक्रमण की रफ्तार का अध्ययन किया जा रहा है.
आगरा में जिन लोगों में दक्षिण अफ्रीका वाले स्ट्रेन पाए गए हैं उसमें कमला नगर निवासी एक युवती दक्षिण अफ्रीका से यात्रा कर के लौटी थी. बुखार होने पर जब उसने अपनी जांच करवाई तो पता चला कि उसे कोरोना संक्रमण है. इसके बाद वो अस्पताल में भर्ती हुई थी और अब ठीक हो चुकी है. इसके अलावा एक 12 वर्षीय लड़का और 53 साल का बैंककर्मी भी अफ्रीकी कोरोना स्ट्रेन की चपेट में आया है.
आगरा के सीएमओ डॉक्टर सी.पांडेय ने न्यूज़ 18 को बताया कि लोगों को कोरोना संक्रमण से डरना चाहिए और इससे अपना बचाव करना चाहिए. ऐसा पता चला है कि साउथ अफ्रीका को जो नया स्ट्रेन आया है उसकी संक्रमण दर ज्यादा है. इसको लेकर अभी तमाम अध्ययन किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल दक्षिण अफ्रीका के जो स्ट्रेन के मामले सामने आ रहे हैं उनका इलाज भी पहले की तरह ही किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : March 27, 2021, 16:13 IST