रिपोर्ट :- हरिकांत शर्मा,आगरा
अंग्रेजों की हुकूमत के दौरान 119 साल पहले 1903 में जॉन स्ट्रेची ने आगरा के सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन ‘आगरा सिटी स्टेशन’ (agra City station) की आधारशिला रखी थी.ये घटिया आजम खान रोड पर स्थित है.उस वक्तबेलनगंज व्यापार का केंद्र बिंदु हुआ करता था. उस दौर में बाहर से आने वाला माल यमुना ब्रिज पर उतरा करता था जिसे शहर तक लाने के लिए काफी खर्चा उठाना पड़ता था.जॉन स्ट्रेची ने इस जरूरत को समझा और गुजरात के कच्छ से मजदूर बुलाकर आगरा सिटी स्टेशन का निर्माण करवाया.जो अब 119 साल का हो गया है जिसको हेरिटेज स्टेशन के रूप में बनाने की मांग उठ रही है.
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आगरा के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार राजीव सक्सेना बताते हैं कि अंग्रेज नहीं चाहते थे कि आगरा जैसे खूबसूरत शहर को उजाड़ा जाए ,इसलिए उन्होंने रेल की पटरियां बिछाने के लिये शहर को उजाड़ा नहीं बल्कि उन्होंने सुरंगों का इस्तेमाल किया.उस समय उन्होंनेेे बेहतरीन तकनीकी से लंबी-लंबी सुरंग बनाई गई.आगरा में उस दौर की सबसे लंबी रेल सुरंग बनाई गई.जिसमें से आज भी रेल गाड़ियां निकलती हैं.
1940 में इसी स्टेशन पर आए थे महात्मा गांधी
ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्टेशन बेेहद महत्वपूर्ण है.राजीव सक्सेना बतातेे हैं कि 1940 मेंं इसी स्टेशन पर महात्मा गांधी भी आए थे.उनकी रेलगाड़ी थोड़ी देर के लिए यहां पर रुकी थी.उस वक्त शहर के कई लोग महात्मा गांधी से मिलने के लिए सिटी स्टेशन पहुंचे थे.आलम यह था कि स्टेशन पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था.
अब केवल नाम का रह गया है सिटी स्टेशन
कभी यहां पर यात्रियों का जमघट लगा रहता था.लेकिन आज बिल्कुल सुनसान पड़ा है.इक्का-दुक्का कर्मचारी ही यहां काम करते हैं.स्टेशन पर अब प्लेटफार्म टिकट भी मिलना बंद हो गया है.कभी कबार यहां मालगाड़ी का स्टॉप हो जाता है.आखरी बार यहां पर अलीगढ़ और इटावा शटल का ठहराव हुआ था.सिटी स्टेशन अब वीरान पड़ा रहता है.
इस स्टेशन को बनाया जाए हेरिटेज
आगरा के वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना,समाजसेवी और चेंबर ऑफ कॉमर्स के लोग 100 साल से भी ज्यादा पुराने इस स्टेशन को हेरिटेज स्टेशन घोषित करवाने के लिए काफी लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं. कुछ शहरवासी चाहते हैं कि स्टेशन को विरासत के रूप में सहेजा जाए.इसके लिए रेल मंत्रालय को कई बार लेटर भी भेजा गया.
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