रिपोर्ट- हरिकांत शर्मा
आगरा. पांच दिनों का दीपोत्सव पर्व धनतेरस की से शुरू हो चुका है. आज (24 अक्टूबर) देशभर में दिवाली धूमधाम से मनाई जा रही है. इस बार दो शताब्दी बाद दिवाली पर बेहद शुभ मुहूर्त बन रहा है. आगरा की फेमस एस्ट्रोलॉजिस्ट आशिमा शर्मा बताती हैं कि 1848 में ऐसा शुभ मुहूर्त बना था. जब मकर राशि में शनि और मीन राशि में बृहस्पति अपनी ही राशि में थे. आइए जानते हैं कि इस दिवाली किन बातों का ध्यान रखा जाए, जिसकी वजह से आपके घर में खूब धन्य धान की वर्षा हो.
इस बार साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दिवाली के ठीक अगले दिन पड़ रहा है. जबकि 25 अक्टूबर को ही गोवर्धन पूजा होती है, लेकिन सूर्य ग्रहण लगने की वजह से सूतक लग जाते हैं और सूतक में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता. इसलिए इस बार गोवर्धन पूजा और भाई दूज 26 अक्टूबर को एक साथ मनाई जाएगी. जबकि सूर्य ग्रहण का असर सभी राशियों पर होगा. देश के एकाध राज्य को छोड़ दिया जाए, तो सभी राज्यों में सूर्य ग्रहण का असर रहेगा. सूर्य ग्रहण के दौरान खाने-पीने की सभी चीजों के ऊपर तुलसी का पत्ता रखकर ढकें. गेरु का प्रयोग करें, जिससे सूर्यग्रहण में यह चीजें अपवित्र नहीं होंगी.
दिवाली पर पूजन विधि में विशेष रखें ध्यान
24 अक्टूबर को दिवाली मनाई जा रही है.दिवाली लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6:36 के बाद शुरू होगा, जो कि 8:32 तक चलेगा. दिवाली पर विशेष तौर पर पूजा सामग्री में हल्दी की गांठ जरूर शामिल करें. हल्दी की गांठ का पूजन करें ,पूजन करने के बाद में जहां आप अपने रुपए और गहने रखते हैं उस जगह पर हल्दी की गांठ को स्थापित करें. इससे आपके घर खूब धन आएगा.
दो सदी ऐसा शुभ अवसर
आगरा की एस्ट्रोलॉजिस्ट आशिमा शर्मा बताती हैं कि 8 नवंबर 1948 को लगभग 2 सदी पहले दिवाली के मौके पर ऐसा शुभ योग बना था. जब दो बड़ी राशि शनि और बृहस्पति अपनी ही राशि में थी. ऐसा होना बेहद शुभ माना जाता है और खूब धन धान्य की वर्षा होती है.
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