हाथी संरक्षण केंद्र में करीब 30 से ज्यादा हाथी रह रहे हैं.
रिपोर्ट -हरिकांत शर्मा
आगरा. ठंड के मौसम में बारिश की वजह से तापमान में और गिरावट आई है. इस वजह से न सिर्फ इनसान बल्कि जानवर भी परेशान हैं. ऐसे में बूढ़े हाथियों का ख्याल विशेष तौर पर रखा जाता है. दरअसल बूढ़े हाथी को ठंड ज्यादा सहन नहीं हो पाती है, इसलिए इनको तिल के तेल और लौंग के तेल की मालिश दी जाती है. आगरा मथुरा हाईवे से लगभग 2 किलोमीटर दूर हाथी संरक्षण केंद्र हैं जो चूरमुरा में यमुना किनारे स्थित है. यहां पर हाथियों को इन दिनों हफ्ते में एक बार तिल के तेल और लौंग के तेल की भरपूर मालिश दी जा रही है.
हाथी संरक्षण केंद्र में लगभग 30 से ज्यादा हाथी इस समय रह रहे हैं. इनमें से अधिकांश हाथी बूढ़े और उम्रदराज हैं. इन बूढ़े हाथियों को ठंड से बचाने के लिए हाथियों की देखरेख करने वाली टीम इनको वैसा खाना देती है, जिसकी तासीर गर्म हो. इस समय भोजन में लहसुन, अदरक, बाजरे का दलिया आदि दिया जाता है. साथ ही विशालकाय हाथियों को बड़ा कंबल स्वेटर के रूप में पहनाया जाता है, वह ठंड से बच सकें. वहीं, सर्दी से बचाने के लिए इनके रहने के स्थान पर हैलोजन लाइट लगाई गई हैं.
डाइट प्लान फॉलो करते हैं हाथी
यहां रहने वाले हाथियों का बकायदा डाइट प्लान बना हुआ है, जिसे वह हर रोज फॉलो किया जाता है. दिन में महावत इन्हें ट्रेनिंग देते हैं. इनकी दिन की शुरुआत गुनगुनी धूप में मस्ती करते हुए होती है. दोपहर 2:30 बजे के आसपास दिन का खाना मिलता है और लगभग 8:00 बजे रात्रि का भोजन दिया जाता है. महावत एक हफ्ते में एक बार इन हाथियों की तिल के तेल और लौंग के तेल से मालिश भी करते हैं. वेटनरी सर्विसेज के सहायक निदेशक डॉ. इलियाराजा ने बताया कि सर्दियों में इन हाथियों को पीने के लिए गुनगुना पानी दिया जाता है. साथ ही डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए इन्हें ORS का घोल पिलाया जाता है.
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