UP Gram Panchayat Chunav: परिसीमन में बदली पंचायतों की तस्वीर, कई दावेदारों को छोड़ना पड़ सकता है मैदान

पंचायत चुनाव का ऐलान कभी भी किया जा सकता है. (सांकेतिक फोटो)
UP Gram Panchayat Election: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में इस बार कई दावेदारों को मैदान छोड़ना पड़ सकता है. परिसीमन के बाद ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 18, 2021, 7:47 AM IST
आगरा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में इस बार कई दावेदारों को मैदान छोड़ना पड़ सकता है. दरअसल, परिसीमन के बाद नए सिरे से बनाए गए पंचायत क्षेत्रों व वार्डों में उनकी पंचायत या वार्ड हट गए हैं. ऐसे में उनको नए क्षेत्र से अपनी किस्मत अजमानी पड़ सकती है. ऐसे दावेदारों को या तो दूसरी ग्राम पंचायत या फिर नये सिरे से गठित होने वाली नई ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना पड़ सकता है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी ग्राम पंचायत चुनाव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अधिकांश गांवों में दावेदारों ने अभी से अपना प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आगरा में कुल 695 ग्राम पंचायतें हैं. इसमें से पांच ग्राम पंचायतें नगर निगम में शामिल होने जा रही हैं. इसमें तोरा, कहरई, कलाल खेड़िया, चमरौली और दहतोरा है. नये परिसीमन में ये ग्राम पंचायतें तो खत्म होंगी ही. इसके साथ ही सुनारी, अंगूठी, लखनपुर, स्वामी मुस्तकिल, बांईपुर मुस्तकिल, मोहम्मद आदि शहर से लगी ग्राम पंचायतों का काफी हिस्सा नगरीय सीमा में शामिल हो गया है. ये ग्राम पंचायतें या तो दूसरी ग्राम पंचायत समायोजित होंगी या फिर नये सिरे से इनका गठन होगा.
आरक्षण में कटेगी दावेदारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम पंचायतों में आरक्षण की स्थिति में भी बदलाव होगा. ऐसे में सभी ग्राम पंचायतों पर दावेदारी करने वाले दावेदारों को अपना मैदान छोड़ना पड़ सकता है. इससे पहले वर्ष 2015 के ग्राम पंचायत चुनाव से पहले ग्राम पंचायतों का परिसीमन हुआ था. 2015 से पहले जिले में 636 ग्राम पंचायतें थीं. तब परिसीमन के बाद 59 ग्राम पंचायतें बढ़ गई थीं. एक ग्राम पंचायत में कम से कम एक हजार की आबादी होना जरूरी है. हालांकि राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के बाद ही पंचायतों की स्थिति स्पष्ट होगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आगरा में कुल 695 ग्राम पंचायतें हैं. इसमें से पांच ग्राम पंचायतें नगर निगम में शामिल होने जा रही हैं. इसमें तोरा, कहरई, कलाल खेड़िया, चमरौली और दहतोरा है. नये परिसीमन में ये ग्राम पंचायतें तो खत्म होंगी ही. इसके साथ ही सुनारी, अंगूठी, लखनपुर, स्वामी मुस्तकिल, बांईपुर मुस्तकिल, मोहम्मद आदि शहर से लगी ग्राम पंचायतों का काफी हिस्सा नगरीय सीमा में शामिल हो गया है. ये ग्राम पंचायतें या तो दूसरी ग्राम पंचायत समायोजित होंगी या फिर नये सिरे से इनका गठन होगा.
आरक्षण में कटेगी दावेदारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम पंचायतों में आरक्षण की स्थिति में भी बदलाव होगा. ऐसे में सभी ग्राम पंचायतों पर दावेदारी करने वाले दावेदारों को अपना मैदान छोड़ना पड़ सकता है. इससे पहले वर्ष 2015 के ग्राम पंचायत चुनाव से पहले ग्राम पंचायतों का परिसीमन हुआ था. 2015 से पहले जिले में 636 ग्राम पंचायतें थीं. तब परिसीमन के बाद 59 ग्राम पंचायतें बढ़ गई थीं. एक ग्राम पंचायत में कम से कम एक हजार की आबादी होना जरूरी है. हालांकि राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के बाद ही पंचायतों की स्थिति स्पष्ट होगी.