Agra Rohingya Muslims: आगरा के सिकंदरा में पकडे गए रोहिंग्या घुसपैठियों ने पूरी बस्ती बसा रखी थी
आगरा. ताज नगरी आगरा के सिकंदरा आवास विकास कालोनी में 28 बांग्लादेशी घुसपैठियाें ने पूरी बस्ती बसा रखी थी. खाली मैदान में 80 से अधिक झुग्गी-झोपड़ियां बना रखी थीं. यहां कूड़ा बीनने और बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण का काम करते थे. जी-20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के आगमन से पहले खुफिया एजेंसियों की सूचना पर पुलिस ने छापा मारा और वहां से 28 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 15 महिलाएं व 13 पुरुष हैं. उनके साथ 12 बच्चे भी शामिल हैं. घुसपैठियों से 35 कूटरचित आधार कार्ड व एक पैनकार्ड बरामद किए गए हैं.
खास बात यह है कि यह सभी घुसपैठिए कभी पुलिस का सहारा नहीं लेते थे. अगर आपस में कभी विवाद होता तो खुद ही खत्म कर लेते। खुद ही पंचायत करते और खुद ही जज बनकर फैसला कर लेते थे. यह सभी घुसपैठिए हिंदी सीखने के लिए फिल्में और हिंदी नाटक देखते थे. हालांकि खुफिया ाजनस्य की निशानदेही पर इस गैंग का खुलासा हो गया है. पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि घुसपैठियों के खिलाफ अभियान की शुरुआत कर दिया गया है. शहर के अलग-अलग स्थानों पर यह अभियान जारी है.
हालिम करवाता था बॉर्डर पार
पुलिस उपायुक्त केशव कुमार चौधरी ने बताया कि इसमें एक हालिम नाम का व्यक्ति था, जो इन्हें बांग्लादेश से भारत नदी के रास्ते से लाता था. हलीम के साथ में एक महिला भी इस गिरोह में शामिल थी. यह महिला सभी घुसपैठियों का आगरा के एड्रेस पर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाती थी. पुलिस को हालिम के मोबाइल से कई खुलासे हुए है. हालिम बांग्लादेश से भारत के रास्ते एक नदी के जरिए इन घुसपैठियों को लेकर आता था. जिसके एवज में वह 20 हजार रुपए प्रति व्यक्ति लेता था. जब इन घुसपैठियों का आपसी में कभी लड़ाई झगड़ा होता था तो यह खुद ही खत्म कर लेते थे. पुलिस के पास नहीं जाते थे. हालांकि ये लोग हिंदी नहीं जानते थे. हिंदी सीखने के लिए यह धारावाहिक, फिल्में देखते थे, जिससे की यह सभी हिंदी भाषा को समझ सकें और बोल सकें.
हवाला के माध्यम से बांग्लादेश भेजी जाती थी मोटी रकम
हालिम के मोबाइल से कई अहम सबूत पुलिस को मिले हैं. हालिम 15 साल पहले बांग्लादेश से आगरा आया था. वह हवाला के जरिए मोटी रकम बांग्लादेश भेजता रहा है. यहां पर हालिम एक हॉस्पिटल में बायो मेडिकल वेस्ट उठाने का काम करता था. इसके बदले में उसे 18 हजार रुपए प्रति माह तनख्वाह मिलती थी. खुफिया एजेंसी और पुलिस को ऑनलाइन लेनदेन की भी जानकारी हाथ लगी है.
इन्हें किया गिरफ्तार
पुलिस ने हालिम (निवासी जिला बरौरहाट), फारूक, जूएल शेख, गोबिंदो, हसन, मनीरुल शेख, शिराज शेख़, कुरबान शेख, बिश्ती पत्नी बिलाल, सुनाली पत्नी शिराज,जोशीना खातून पत्नी मनीरूल शेख, ब्यूटी पत्नी फारूक (सभी निवासी जिला खुलना),रविउल शेख, सूमी पत्नी रविउल शेख सभी निवासी जिला नदिया), साबिर, रूस्तम शेख, जूली पत्नी साविरक, राशिदा पत्नी बाबू शेख, रोशनआरा पत्नी अफजल, रहीमा पत्नी रहीश व शलमा पत्नी बक्कल (सभी निवासी जिला उभयनगर), मोहम्मद बबलू, बिलाल, परवेज शेख,फातिमा शेख पत्नी बबलू खान, मोबिना पत्नी असलम, प्रिया पत्नी परवेज शेख (सभी निवासी जिला जसौर) को गिरफ्तार किया है.
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Tags: Agra news, Agra Police
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