Kasganj News: शहीद सिपाही देवेंद्र की 4 साल पहले हुई थी शादी, 1 महीने पहले बने थे पिता

शहीद सिपाही देवेंद्र की फाइल फोटो
Kasganj Constable Murder: शहीद सिपाही देवेंद्र ने 2015 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर जॉइनिंग की थी. उनकी शादी 2017 में ब्लॉक शमशाबाद क्षेत्र के नगला में हुई थी.
- News18Hindi
- Last Updated: February 10, 2021, 3:41 PM IST
आगरा. कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव नगला धीमर में मंगलवार को शराब माफियाओं को पकड़ने गए एक दारोगा और सिपाही को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया. इस घटना में सिपाही देवेंद्र (Constable Devendra) की मौत हो गई, जबकि दारोगा अशोक पाल गंभीर रूप से घायल हैं. उनका इलाज अलीगढ़ में चल रहा है. शहीद देवेंद्र सिंह आगरा के नगला बिंदु गांव के रहने वाले थे. मौत की सूचना पर परिवार के साथ ही गांव में कोहराम मचा हुआ है. किसी को यकीन नहीं हो रहा कि स्वाभाव से मिलनसार देवेंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं.
शहीद सिपाही देवेंद्र ने 2015 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर जॉइनिंग की थी. उनकी शादी 2017 में ब्लॉक शमशाबाद क्षेत्र के नगला में हुई थी. देवेंद्र के दो बेटी हैं. बड़ी बेटी का नाम वैष्णवी (3) और छोटी बेटी का नाम गुड़िया (1) माह है. देवेंद्र के दोस्त कहते हैं कि परिवार में वे ही एक कमाने वाले थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की मुआवजे की घोषणाउधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज की घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. आरोपियों पर एनएएसए की करवाए के भी निर्देश दिए हैं.
मुख्य आरोपी का भाई मुठभेड़ ढेर
कासगंज की इस घटना ने कानपुर के बिकरू कांड की याद ताजा कर दी, जिसमें आठ सिपाहियों की निर्मम हत्या की गई थी. पुलिस टीम पर हमले और सिपाही की हत्या से बौखलाई पुलिस ने बुधवार तड़के मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक एलकार शातिर बदमाश था और वह जेल भी जा चुका था.
शहीद सिपाही देवेंद्र ने 2015 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर जॉइनिंग की थी. उनकी शादी 2017 में ब्लॉक शमशाबाद क्षेत्र के नगला में हुई थी. देवेंद्र के दो बेटी हैं. बड़ी बेटी का नाम वैष्णवी (3) और छोटी बेटी का नाम गुड़िया (1) माह है. देवेंद्र के दोस्त कहते हैं कि परिवार में वे ही एक कमाने वाले थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की मुआवजे की घोषणाउधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज की घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. आरोपियों पर एनएएसए की करवाए के भी निर्देश दिए हैं.
मुख्य आरोपी का भाई मुठभेड़ ढेर
कासगंज की इस घटना ने कानपुर के बिकरू कांड की याद ताजा कर दी, जिसमें आठ सिपाहियों की निर्मम हत्या की गई थी. पुलिस टीम पर हमले और सिपाही की हत्या से बौखलाई पुलिस ने बुधवार तड़के मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक एलकार शातिर बदमाश था और वह जेल भी जा चुका था.