हरीकांत शर्मा
आगरा. आरबीएस टेक्निकल कॉलेज के छात्रों ने ऐसी अनोखी डिवाइस बनाई है, जिसे महिला सुरक्षा के तौर पर अहम हथियार माना जा रहा है. आरबीएस कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के फोर्थ ईयर के छात्रों ने महिलाओं की सेफ्टी के लिए ‘सेफ्टी जैकेट’ बनाई है. अगर कोई भी शोहदा महिला से छेड़छाड़ करेगा तो उसे 120 वोल्ट से लेकर 2020 तक का बिजली का झटका लगेगा. यह डिवाइस स्वाति गुप्ता, संचित अग्रवाल और अनीता नाम के छात्र-छात्राओं ने 1 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार की है.
महिला सुरक्षा हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है. हर रोज महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती हैं. इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन (electronic and communication department) के अंतिम वर्ष के छात्रों को 4th इयर्स में कोई न कोई प्रोजेक्ट बनाना होता है. इस बार इन छात्रों ने सेफ्टी जैकेट नाम से जैकेट बनाई है, जो महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनका कवच बनेगी. इस जैकेट में तमाम खूबियां हैं. इसमें 120 वोल्ट से लेकर 2000 वोल्ट तक करंट दौड़ता है, जो सामने वाले को कुछ देर के लिए अचेत कर देगा. जैकेट बेहद खास फीचर्स से लैस है.
इस तरह काम करती है जैकेट
इन छात्रों ने इस जैकेट को वेयरबेल सिस्टम टू सेफगार्ड एंड पर्सनल सेफ्टी नाम दिया है. इस जैकेट के ऊपर एक खास तरह की मेटल के तार लगाए गए हैं. इन तारों को 12 वोल्ट की बैटरी कुछ सेंसर और छोटे से ट्रांसफार्मर से जोड़ा गया है. इस जैकेट में ऐसा सॉफ्टवेयर लगाया गया है कि जैसे ही महिला के साथ छेड़खानी होती है बस उसे एक बटन प्रेस करना है और उसकी जैकेट में 120 वोल्ट का करंट दौड़ने लगेगा. सामने वाले को जैकेट छूते ही तगड़ा झटका लगेगा, जिससे कुछ समय के लिए वह अचेत हो सकता.
पहनने वाले को नहीं लगेगा करंट
अनीता बताती हैं कि जैकेट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जिसने जैकेट पहनी है उसे करंट नहीं लगेगा. जैकेट के अंदर ऐसे प्लास्टिक की फैब्रिक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे जैकेट के अंदर करंट नहीं दौड़ेगा. करंट एक सेकंड के बाद ऑटोमेटिक कट हो जाता है जिससे सामने वाला सिर्फ बेहोश हो जाए जान न जाये.
छोटी-छोटी कई तकनीकि से लैस है यह जैकेट
कमाल की इस जैकेट में जीएसएम मॉड्यूल, ऑडियो नैनो पीसी, माइक्रोकंट्रोलर कैमरा, मॉड्यूल इनवर्टर सर्किट, 12 वोल्ट की बैटरी और कुछ सेंसर लगाए गए हैं. इसके साथ ही झटका देने के अलावा बटन दबाते ही महिला की लाइव लोकेशन, अलर्ट मैसेज पुलिस के साथ-साथ परिजनों को भी पहुंचाएगी. इस डिवाइस में परिजन और पुलिस के कंट्रोल रूम के नंबर ऐड किए जा सकते हैं. जिस पर तुरंत घटना की वीडियो फुटेज और मैसेज पहुंचता है.
क्या होगी इस जैकेट की कीमत?
स्वाति गुप्ता बताती हैं कि अभी तक इस प्रोजेक्ट पर उनके 10 से 12000 रुपये खर्च हो गए हैं. कई बार महंगे कम्पोनेंट्स जल गए थे. जिससे धीरे-धीरे खर्चा बढ़ गया. हालांकि अगर यह जैकेट मार्केट में आती है तो 5000 से 6000 इसकी कॉस्टिंग होगी. उसके फैब्रिक पर काम किया जा रहा है. अभी सर्दियों के हिसाब से जैकेट तैयार की गई है. हर मौसम के अनुकूल इसे बनाया जाएगा. संचित अग्रवाल बताते हैं कि आगे हम इस जैकेट में ऐसे फैब्रिक का इस्तेमाल करेंगे जिसमें मेटल के तार गुथे हुए हों, जो देखने में बिल्कुल किसी रेशम के धागे जैसे लगें और सामने वाले को पता तक न लगे कि यह जैकेट करंट छोड़ती है.
जल्द ही करा लिया जाएगा पेटेंट
जल्द ही इस प्रोजेक्ट को पेटेंट करा लिया जाएगा. छात्रों की इच्छा है कि भारत सरकार या कोई भी प्राइवेट कंपनी इस प्रोजेक्ट्स में निवेश करे जिससे इसे और बेहतर बनाया जा सके. इस प्रोजेक्ट को बनाने में डिपार्टमेंट के लोगों का इंपॉर्टेंट रोल रहा है. कुछ कमियां हैं उनको दुरुस्त किया जा रहा है. जैकेट को और हल्का बनाया जाएगा. कॉलेज के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर दुष्यंत कुमार ने इसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसे कारगर हथियार बताया है. इसके साथ ही संस्था के निर्देशक प्रोफेसर बीएस कुशवाह ने छात्रों की इस जैकेट की सराहना भी की है.
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