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Agra News: फुटपाथ की जिंदगी के लिए पारस हैं नरेश, भिक्षावृत्ति से निकालकर 400 बच्चों को पहुंचाया स्कूल

आगरा के एक समाजसेवक भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के लिए मसीहा से कम नहीं. पिछले 15 सालों से वह भीख मांगने वाले बच्चों ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: हरिकांत शर्मा

आगरा. 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था और उसी संविधान की शक्ति का इस्तेमाल कर आगरा के एक शख्स ने 400 से भी अधिक बच्चों को भिक्षावृत्ति से निजात दिला दी. अंधकार भरे जीवन से उन्हें निकाल कर शिक्षा के प्रकाश तले बिठा दिया. वह शख्स हैं समाजसेवी नरेश पारस, जिन्होंने 15 सालों से यह मुहिम छेड़ रखी है. वह भीख मांगने वाले बच्चों को सड़क से उठाकर स्कूलों तक पहुंचाते हैं और उनकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी उठाते हैं.

नरेश पारस ने बताया कि एक घटना ने उनके जीवन को बदल कर रख दिया. बात साल 2007 की है, जब उन्होंने जगदीशपुरा थाने के बाहर एक महिला को रोते हुए देखा. उस महिला से पूछने पर पता चला कि साल 2002 में उसके 3 बच्चे लापता हो गए थे. पुलिस गुमशुदगी की रिपोर्ट भी नहीं लिख रही है. उसकी पीड़ा को देखकर नरेश पारस ने मानवाधिकार आयोग और बाल आयोग में शिकायत भी दर्ज करवाई. उसके बाद पुलिस को रिपोर्ट लिखनी पड़ी.

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असहायों की आवाज

नरेश ने बताया कि तत्कालीन एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने उस महिला की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उसके बच्चे बरामद नहीं हो सके. उस महिला की पीड़ा देखकर मन व्यथित हो गया और सोचा कि ऐसे लोग जिनका कोई भी सहयोग नहीं करता, मुझे उनकी आवाज बनना होगा. बस, वहीं से अपना जीवन असहाय लोगों और उनके बच्चों के लिए समर्पित कर दिया.

लापता 300 से ज्यादा बच्चे तलाशे

गरीब बच्चों को पढ़ाने के अलावा, नरेश पारस अब तक 300 से ज्यादा लापता हुए बच्चों को उनके परिजनों से मिलवा चुके हैं. नरेश ने बताया कि इस कार्य में पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं का काफी सहयोग मिला. कई बच्चियों को तो वह वेश्यावृत्ति से भी बचा चुके हैं. इसके अलावा, नरेश पारस ने सड़कों पर भीख मांगने वाले लगभग 400 से ज्यादा बच्चों की भिक्षावृति छुड़वाई और उन्हें स्कूल तक पहुंचाया. लगभग 180 बच्चों का सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवाया. उनकी यह समाजसेवा अब भी जारी है.

Tags: Agra news, Republic day, UP news

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