उत्तर प्रदेश में चुनावी शंखनाद हो चुका है तमाम प्रत्याशी अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल कर रहे हैं.जनता की उम्मीद होती है कि उनके क्षेत्र में एक ऐसा नेता चुन कर आये जो ठीक ठाक पढ़ा लिखा हो,लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि अच्छी छवि व शैक्षिक योग्यता वाला नेता उनका जनप्रतिनिधि बनें.आज हम आपको ऐसी महिला प्रत्याशी से मिलाने जा रहे हैं जो कि लंदन से अपनी पढ़ाई पूरी कर चुनाव मैदान में सपा से ताल ठोक रहीं हैं.
रूपाली अशोक दीक्षित ने विदेश से किया है M.B.A
रूपाली दीक्षित बाहुबली अशोक दीक्षित की पुत्री हैं.उन्होंने जयपुर के भारतीय विद्या भवन आश्रम से स्कूलिंग की है.स्नातक सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी पुणे से की है.मार्केटिंग से MBA कार्डिफ़ वेल्स यूनिवर्सिटी (Cardiff University UK) से किया है.MA भी उन्होंने लीड यूनिवर्सिटी ऑक्साइ ( lead university oxide) से पूरा किया है.
पिता के सपने की खातिर आना चाहती हैं राजनीति में
रूपाली दीक्षित के पिता अशोक दीक्षित बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं .2007 में बसपा के टिकट पर उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा था और वह दूसरे नंबर पर रहे थे.अशोक दीक्षित तीन बार फतेहाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन तीनों में जीत दर्ज नहीं कर पाए.बहुचर्चित सुमन यादव हत्याकांड में आरोप सिद्ध होने के बाद में अशोक दीक्षित आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.2015 में उन्हें आजीवन कारावास की सजा हुई थी और अब वे बरेली सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं.उनका विधायक बनने का सपना अधूरा ही रह गया था.विदेश से पढ़ाई पूरी करने के बाद लौटीं रूपाली दीक्षित ने अपने पिता के सपने को आगे बढ़ाने का फैसला लिया और अच्छी खासी नौकरी छोड़कर समाज सेवा के जरिए राजनीतिक क्षेत्र में उतरीं.अब वे सपा के टिकट पर फतेहाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ रही हैं.
अगर जनता ने दिया प्यार तो विधायक बनने के बाद में कराएंगी क्षेत्र का विकास
रुपाली अशोक दीक्षित ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर जनता उन्हें चुनकर विधानसभा भेजती है तो वह विधानसभा फतेहाबाद क्षेत्र में विकास कार्य करवाएंगी.उन्होंने बकायदा विधानसभा फतेहाबाद के लिए अपना अलग से रोड मैप तैयार कर लिया है.जिसमें आवारा पशु,शिक्षा,सड़क जैसे मुद्दे प्राथमिकता में होंगे.
त्रिकोणीय हो गया है फतेहाबाद विधानसभा का चुनाव
फतेहाबाद विधानसभा में कुल मतदाता 264,837 हैं.विधानसभा में क्षत्रिय वोट सबसे ज्यादा हैं.उसके बाद ब्राह्मण समाज का वोट बैंक है और इसके बाद अन्य जातियों का.इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व विधायक छोटेलाल वर्मा को टिकट दिया है, तो वहीं बसपा ने क्षत्रिय वोट पर कब्जा करने की मंशा से शैलू जादौन को टिकट दिया है.रूपाली अशोक दीक्षित सपा के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं. छोटेलाल वर्मा ने बीते दिनों जाति विशेष को लेकर टिप्पणी की थी. जिसकी वजह से उनकी छवि पर प्रभाव पड़ा है.अब इस सीट पर जाति आंकड़े देखे जाएं तो चुनाव त्रिकोणीय होता जा रहा है.यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किसके पाले में गेंद जाती है और कौन जीतकर विधानसभा पहुंचेगा.
(रिपोर्ट हरीकान्त शर्मा)
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