उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का संग्राम शुरू हो चुका है.विधायक पद के नामांकन के लिए तमाम पार्टियों के प्रत्याशी जिला मुख्यालय पर पहुंच रहे हैं.शुक्रवार को नामांकन करने का अंतिम दिन था.नामांकन के दौरान अपनी-अपनी विधानसभाओं से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल करने वाले तमाम प्रत्याशी अलग-अलग पार्टियों से पर्चा भरने पहुंचे.इन प्रत्याशियों ने मीडिया के सामने अपनी विधानसभा की समस्याओं से लेकर अपनी पार्टी के मेनिफेस्टो को बड़े शानो शौकत से गिनाया.लेकिन जब उनसे सवाल देश के संविधान के लागू होने व अपनी पार्टी की स्थापना के बारे में पूछा गया तो उनके चेहरे की हवाइयां उड़ गईं.
कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं बता पाए कांग्रेस की स्थापना कब हुई?
फतेहाबाद विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिये नामांकन करने आए कांग्रेस के प्रत्याशी को जब यह पूछा गया कि कांग्रेस पार्टी की स्थापना किसने की, तो उनके चेहरे की हवाइयां उड़ गईं.सवाल से पहले नेताजी अपने क्षेत्र की कई सारी समस्याएं वह मुद्दा उठा रहे थे.जिन्हें विधायक बनने के बाद में भी पूरी करेंगे.लेकिन जब उनसे उनकी पार्टी की स्थापना और देश में संविधान कब लागू हुआ यह सवाल किया गया तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई और सवाल का जवाब नहीं दे पाए.
बसपा के प्रत्याशी नहीं बता पाए देश में कब लागू हुआ संविधान
बसपा के टिकट पर आगरा ग्रामीण विधानसभा से महेश कुमार जाटव नामांकन करने पहुंचे.महेश कुमार जाटव से जब पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में कितनी विधानसभा सीटें हैं और देश का संविधान कब लागू हुआ? तो विधायक पद के प्रत्याशी सही जवाब नहीं दे पाए.अब यह बड़ा सवाल उठता है कि यही प्रत्याशी जीतने के बाद में जनता के बीच में पहुंचेंगे.जिन्हें यह बेसिक जानकारी ही नहीं पता,आखिर कैसे ये जनप्रतिनिधिअपनी विधानसभामें किस तरह से विकास करवा पाएंगे.
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