यूपी पंचायत चुनाव 2021: आगरा जिला में इस बार 5 पंचायतें हो गईं खत्म, यहां देखें लिस्ट

आजमगढ़ में मतदान से पहले सामने आया फर्जीवाड़ा! (सांकेतिक फोटो)
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: ग्राम पंचायतों के साथ क्षेत्र और जिला पंचायतों के वार्डों का पुनर्गठन किया गया है. पुनर्गठन के बाद 5 पंचायतें खत्म कर दी गई हैं. इन्हें नगर निगम क्षेत्र में शामिल कर दिया गया है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 19, 2021, 7:18 AM IST
आगरा. उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों (Panchayat Election) को लेकर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. ग्राम पंचायतों के साथ क्षेत्र और जिला पंचायतों के वार्डों का पुनर्गठन भी हो चुका है. पुनर्गठन के बाद 5 पंचायतें खत्म कर दी गई हैं. इन पांचों पंचायतों (दहतोरा, चमरोली, तोरा, कहरई और कलाल खेड़िया) को नगर निगम क्षेत्र में शामिल कर दिया गया है. अब वार्डों के आरक्षण का इंतजार है. इससे दावेदारों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. वहीं, वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ग्राम पंचायतों और वार्डों का परिसीमन हो चुका है. अब आबादी के आधार पर ग्राम पंचायतों और वार्डों का आरक्षण (Reservation) तय होगा. हालांकि, इसके लिए अभी दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं.
पिछले दिनों चली परिसीमन प्रक्रिया के दौरान जिले में 690 ग्राम पंचायतें रह गई हैं. इससे पहले 695 थीं. इससे क्षेत्र पंचायत संख्या भी प्रभावित हुई है. बिचपुरी ब्लाक में 10 और बरौली अहीर में सात वार्ड कम हुए हैं. बिचपुरी में अब 130 और बरौली अहीर में 77 क्षेत्र पंचायत रह गई हैं. पिनाहट में 63, सैंया में 82, जगनेर में 56, शमशाबाद में 102, जैतपुर कलां में 61, फतेहाबाद में 100, अकोला में 81, एत्मादपुर में 81, अछनेरा में 98, फतेहपुर सीकरी में 81, बाह में 74, खेरागढ़ में 79 और खंदौली ब्लाक में 92 क्षेत्र पंचायत हैं. ऐसे में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी चहलकदमी बढ़ जाएगी.
पांच सालों में सिमटा पंचायतों का दायरा
इससे पहले यह खबर सामने आई थी कि उत्तर प्रदेश में के 75 जिलों में परिसीमन के बाद साल 2015 की तुलना में पांच सालों में पंचायतों का दायरा सिमट गया है. जिसके चलते जिला पंचायतों के 3120 वार्ड अब घटकर 3051 रह गए हैं. 880 ग्राम पंचायत शहरी क्षेत्र में मिल गयी हैं. जानकारी के मुताबिक, यूपी में इस बार 59,074 की जगह 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधानी के वोट पड़ेगा. वहीं ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या कम हो गयी है. जिसमें 12,745 वार्ड कम हो गए हैं. ऐसे में 826 ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव करने के लिए यूपी में 75 हजार 805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे. इस संख्या पर नजर करें तो साल 2015 से अब ये 1,996 कम होंगे.
पिछले दिनों चली परिसीमन प्रक्रिया के दौरान जिले में 690 ग्राम पंचायतें रह गई हैं. इससे पहले 695 थीं. इससे क्षेत्र पंचायत संख्या भी प्रभावित हुई है. बिचपुरी ब्लाक में 10 और बरौली अहीर में सात वार्ड कम हुए हैं. बिचपुरी में अब 130 और बरौली अहीर में 77 क्षेत्र पंचायत रह गई हैं. पिनाहट में 63, सैंया में 82, जगनेर में 56, शमशाबाद में 102, जैतपुर कलां में 61, फतेहाबाद में 100, अकोला में 81, एत्मादपुर में 81, अछनेरा में 98, फतेहपुर सीकरी में 81, बाह में 74, खेरागढ़ में 79 और खंदौली ब्लाक में 92 क्षेत्र पंचायत हैं. ऐसे में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी चहलकदमी बढ़ जाएगी.
पांच सालों में सिमटा पंचायतों का दायरा
इससे पहले यह खबर सामने आई थी कि उत्तर प्रदेश में के 75 जिलों में परिसीमन के बाद साल 2015 की तुलना में पांच सालों में पंचायतों का दायरा सिमट गया है. जिसके चलते जिला पंचायतों के 3120 वार्ड अब घटकर 3051 रह गए हैं. 880 ग्राम पंचायत शहरी क्षेत्र में मिल गयी हैं. जानकारी के मुताबिक, यूपी में इस बार 59,074 की जगह 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधानी के वोट पड़ेगा. वहीं ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या कम हो गयी है. जिसमें 12,745 वार्ड कम हो गए हैं. ऐसे में 826 ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव करने के लिए यूपी में 75 हजार 805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे. इस संख्या पर नजर करें तो साल 2015 से अब ये 1,996 कम होंगे.