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यमुना सूखकर हो गई कांटा, कब बनेगा बैराज? MP-MLA को नींद से जगाने के लिए किया हवन

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यमुना

यमुना पर हवन करते लोग

Yamuna Barrage Agra: आगरा में एक बार फिर यमुना बैराज निर्माण की मांग जोर पकड़ रही है. रिवर कनेक्ट कैंपेन संयोजक बृज खंड ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट: हरिकांत शर्मा

    आगरा. यूपी के आगरा शहर को जल संकट से निजात दिलाने के लिए दशकों से लंबित बैराज की आस पूरी नहीं हो पा रही है. यमुना पर बैराज निर्माण के लिए दशकों पहले प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन अधिकारियों के उदासीन रवैये और राजनीतिक दबाव के कारण का नहीं हो सका. इस बीच यमुना पर बैराज निर्माण और नदी जल शुद्धिकरण अभियान को गति देने के लिए एतमाउद्दौला व्यू प्वाइंट पर सामूहिक हवन का आयोजन किया गया.

    रिवर कनेक्ट कैंपेन संयोजक बृज खंडेलवाल ने बताया कि हवन और विशेष आरती आयोजन के जरिए विधायकों के साथ सांसदों पर बैराज निर्माण व नदी जल शुद्धिकरण के लिए दवाब बनाया गया है. राज नेता भूल चुके हैं कि शहर में एक नदी भी है जिसके उद्धार के लिए समय समय पर वायदे किए गए, लेकिन संकल्पों को अमलीजामा नहीं पहनाया गया.

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    यमुना पर बैराज की मांग नई नहीं है
    बृज खंडेलवाल ने कहा कि यमुना पर बैराज बनाए जाने की मांग नई नहीं है. कई सालों से यह मांग उठती रही है. यमुना सूख कर कांटा बन गई है. शहर से निकलने वाले बिना ट्रीटमेंट के नालों ने यमुना को नाले में तब्दील कर दिया है. यमुना को साफ रखने के लिए यमुना प्रेमी लंबे समय से सरकार के आगे मांग उठाते रहे हैं. हर साल करोड़ों रुपये यमुना की सफाई पर खर्च होते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं होता है.

    तीन बार हो चुका है यमुना बैराज का शिलान्यास!
    मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यमुना बैराज का तीन बार शिलान्यास हो चुका है. मनोहरपुर में पहला शिलान्यास वर्ष 1986-87 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने किया था. जबकि दूसरा शिलान्यास 1993 में तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने बहादुरपुर और मनोहरपुर के बीच में किया था. जबकि 26 अक्तूबर 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीसरा शिलान्यास नगला पैमा में किया था.

    क्यों नहीं बन पा रहा है यमुना पर बैराज ?
    जनप्रतिनिधियों की अलग-अलग राय के कारण कभी बैराज पोइया घाट, तो कभी ताजमहल के पास बनाने की बात उठती रही है. इसके बाद सिकंदरा पर इसके निर्माण की बात कही गई. स्थान बदलते रहे, लेकिन बैराज का निर्माण नहीं हो सका. पर्यावरण विशेषज्ञों की अलग-अलग राय और जनप्रतिनिधियों की सिर्फ बातों के कारण शहर के लोगों को अब तक सफलता नहीं मिली.

    ताज के लिए जरूरी है रबर डैम
    ताजमहल की चारों ओर की नींव लकड़ी के खंभों पर है. ऐसे में ताज को सुरक्षित बनाए रखने के लिए नींव की लकड़ियों में नमी का होना काफी जरूरी हो जाता है. इसलिए ताजमहल को मजबूती देने के लिए ताजमहल के पीछे यमुना का उपयुक्त पानी होना जरूरी है. इसी पानी से ताजमहल की नीम की लकड़ियां मजबूत होती हैं. वहीं, अगर यमुना पर बैराज बनता है तो शहर में भी पानी की काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है.

    Tags: Agra news, Agra taj mahal, Drinking water crisis, Taj mahal, Yamuna River

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