अलीगढ़ 2015 में दो लोगों की हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पांच आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है साथ ही एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी है.देहली गेट थाना इलाके के शाहजमाल में जमीनी विवाद को लेकर दोहराहत्याकांड हुआ था.इस हत्या के मामले में 6 लोग नामजद आरोपी थे.एडीजी थर्ड कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा.दरअसल देहली गेट थाना इलाके के महमूद नगर में 24 जुलाई 2015 को एक शादी समारोह के दौरान नोशे और चांद की गोली मारने के बाद लाठी-डंडों से पीट-पीटकर जमीनी विवाद को लेकर हत्या की गई थी.हत्या के बाद कोर्ट में मामला विचाराधीन था.एडीजे थर्ड राजेश भारद्वाज ने हत्या के आरोपियों जिसमें कपिल,भूरा,आसिफ,एहसान समेत अमित ठाकुर को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई.वहीं एक आरोपी वकील को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.कोर्ट का फैसला आने के बाद जैसे ही आरोपी जिला कारागार के लिए जा रहे थे उस वक्त भारी तादाद में भीड़ मौजूद थी.
कुछ यूं रहा पूरा घटनाक्रम
-जुलाई 2015 में हुआ था दोहरा हत्याकांड,
-अक्टूबर 2015 में चार्जशीट दायर की गई थी,
-2016 के मध्य में चार्ज तय–ट्रायल शुरू,
-2020 में कुल 2 की गवाही पूरी हो गई,
-2021 में धमकी की शिकायतें की गई थी,
-दिसंबर 2021 में गवाही पूरी 313 भी दर्ज,
-2022 में जिला न्यायालय ने सुनाई फांसी की सजा.
मुकदमे में 26 गवाह थे जिनमें से 10 गवाह पेश किए गए दो गवाह बचाव पक्ष की ओर से थे मगर न्यायालय ने अभियोजन के साक्ष्य के आधार पर इस अपराध को दुर्लभतम श्रेणी का मानते हुए मृत्युदंड के योग्य माना.एडीजीसी कृष्णा मुरारी के अनुसार अदालत ने इस प्रकरण में 60 पेज का फैसला सुनाया.जिसमें 12 पेज का दंडादेश है. जिसमें कई जगह अदालत ने टिप्पणी में यह जिक्र किया कि नगर मोहल्ले में हत्याएं की गई है जो बेहद दुर्लभतम से दुर्लभतम श्रेणी का अपराध है.पेज नंबर 49 से 58 तक अदालत ने अपना निष्कर्ष दिया इसके बाद पेज नंबर 59 व 60 पर आरोपियों को सजा लिखी गई है.
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