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अलीगढ़ हत्याकांड: एक हफ्ते पहले ही प्लेस्कूल जाने लगी थी बच्ची, मां बनाना चाहती थी पुलिस अफसर

जिस बच्ची की इतनी निर्ममता से की गई है उसने इस घटना के ठीक एक हफ्ते पहले ही स्कूल जाना शुरू किया था.

जिस बच्ची की इतनी निर्ममता से की गई है उसने इस घटना के ठीक एक हफ्ते पहले ही स्कूल जाना शुरू किया था.

जिस बच्ची की इतनी निर्ममता से की गई है उसने इस घटना के ठीक एक हफ्ते पहले ही स्कूल जाना शुरू किया था.

    अलीगढ़ में ढाई साल की बच्‍ची से दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. बच्‍ची की निर्मम हत्‍या की ख़बर सुनकर लोगों में गुस्सा है. इस मामले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. जिस बच्ची की इतनी निर्ममता से की गई है उसने इस घटना के ठीक एक हफ्ते पहले ही स्कूल जाना शुरू किया था.

    पुलिस ऑफिसर बनाना चाहती थीं मां

    बच्ची को स्कूल जाना बड़ा पसंद था. वह सुबह अपने आप उठती और स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगती. बच्ची की मां का कहना है कि उसे हंसते खिलखिलाते लोगों के बीच रहना बहुत अच्छा लगता था. बच्ची की मां का कहना है कि वह बच्ची को पुलिस ऑफिसर बनाना चाहती थीं. जिस समय बच्ची का अपहरण हुआ उससे कुछ देर पहले ही वह अपने घर में खेल रही थी. उसके खिलौनों में प्लास्टिक का एक सिलेंडर और चूल्हा था जिस पर दो बर्तन रखे हुए थे.

    मंदिर के पीछे की हत्या

    जब 30 मई की सुबह जब बच्ची चाय पीकर घर से बाहर खेलने के लिए निकली तो आरोपी बच्ची का अपहरण कर मंदिर के पीछे खेत में ले गए और गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद बच्ची के शव को कूड़े के ढेर में फेंक दिया. कूड़े से बदबू उठने के बाद ग्रामीणों ने देखा तो कुत्ते बच्ची के शव को घसीट रहे थे.

    घटना की जानकारी के बाद बच्ची के परिवार वाले संबंधित थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस अपने ढुलमुल रवैये से मामले को टालती रही. बाद में थाने के सामने शव रखकर हंगामा किया. इसके बाद कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो पाई. लेकिन अगले चार दिनों तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं गई. चूंकि घटना में शामिल दोनों पक्ष दो अलग-अलग समुदायों से आते हैं. इसलिए मामले को लेकर सामाजिक संगठनों ने सामाजिक दवाब बनान शुरू किया.

    शव मिलने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

    2 जून को बच्ची के शव मिलने के बाद छह जून इस मामले में कोई ठोस कारवाई नहीं हुई. लेकिन तब तक यह खबर आग की तरह फैल चुकी थी. घटना के मीडिया में आने के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.

    सात जून को इस मामले में दो आरोपियों असलम और जाहिद को गिरफ्तार किया गया. दोनों ने अपने गुनाह कुबूल कर लिए. लेकिन परिजनों मामले में औरों के लिप्त होने की भी आशंका जाहिर की. इसके बाद आठ जून को पहले से गिरफ्तार जाहिद की पत्नी और मेहंदी हसन को भी गिरफ्तार कर लिया. मेहंदी हसन, जाहिद का भाई है.

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