यूपी 2022 चुनाव नजदीक आते ही रैलियों का दौर शुरू हो चुका है. इसको लेकर अलग-अलग पार्टियों के नेता जनता की नब्ज टटोल रहे हैं तो वहीं एक-दूसरी पर्टियों की खामियों को गिना रहे हैं. सपा और रालोद के गठबंधन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने पश्चिमी यूपी की जनता की नब्ज टटोलने में जुटे हुए हैं.ऐसा यूपी चुनावों की तारीखों से पहले हो रहा है जब दोनों दिग्गज नेता एक साथ पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 119वी जयंती किसान दिवस के मौके पर 23 दिसंबर को उनकीकर्मभूमि इगलास क्षेत्र में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल की परिवर्तन संदेश रैली में पूरे दमखम के साथ शिरकत करने के लिए पहुंचेंगे.सपा और रालोद की इस परिवर्तन संदेश रैली को कामयाब करने के लिए दोनों पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता जुटे हुए हैं.
महारैली में भीड़ जुटाने के लिए गांवों में जनसंपर्क किया जा रहा है.समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ता 23 दिसंबर को इगलास की अनाज मंडी मैदान में होने वाली सपा रालोद की संयुक्त महारैली में पहुंचने के लिए लोगों से संपर्क कर रहे हैं सपा और लोकदल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने एकजुट होकर किसान मजदूर की आवाज को बुलंद करने के लिए लड़ाई लड़ने का आगाज किया है.
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गिरीश यादव सहित राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष चौधरी कालीचरण ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह की 119वी जयंती के मौके पर तहसील इगलास क्षेत्र में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के द्वारा परिवर्तन रैली को एक मंच से संबोधित किया जाएगा.दोनों पार्टी के जिला अध्यक्षों का कहना है कि इस परिवर्तन संदेश रैली में लाखों की भीड़ इकट्ठा करने का अनुमान लगाया जा रहा है. कार्यक्रम स्थल पर लाखों की भीड़ पहुंचने के बाद दोनों दिग्गज नेताओं की रैली प्रदेश स्तर पर ऐतिहासिक होने के साथ ही इस रैली को एक महारैली का रूप दिया जाएगा.इस ऐतिहासिक रैली के साथ ही किसान दिवस को भव्य तरीके से मनाया जाएगा.
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