अलीगढ़:–बाजार में गेहूं के दाम बढ़ते चले जा रहे हैं जिसके चलते जिले के 99 गृह केंद्रों पर लगभग 3 सप्ताह से सन्नाटा पसरा हुआ है.किसान प्राइवेट लोगों को अपने गेहूं बेच रहे हैं.इसका मुख्य कारण यह है कि सरकारी केंद्रों पर उनकी फसल का भुगतान सही समय पर नहीं मिल पा रहा है जबकि प्राइवेट लोग उन्हें नगद भुगतान करते हैं और किसान को उनकी फसल के अच्छे रेट भी मिल जाते हैं.
सरकार द्वारा इस साल गेहूं का न्यूनतम मूल्य एमएसपी 2015 रुपए प्रति कुंटल रखा गया है और उसका मूल्य भुगतान करने के लिए 72 घंटे का समय निश्चित किया है,जबकि हकीकत कुछ और है.सरकार के द्वारा निर्धारित समय पर उनके मूल्य का भुगतान नहीं हो पा रहा है.इस भुगतान में कई-कई दिन बीत जाते हैं.इसके अतिरिक्त प्राइवेट लोगों को गेहूं देने में उनको रेट अच्छा मिलता है साथ ही नगद भुगतान भी हो जाता है.जिसके चलते धनीपुर मंडी, छर्रा, अतरौली, हरदुआगंज, इगलास, गभान, खैर आदि में गेहूं की अच्छी खरीद हो रही है.
प्राइवेट लोगों को किसान अपने गेहूं दे रहे हैं.इससे उन्हें मूल्य में मुनाफा हो रहा है और प्राइवेट लोग किसानों के गेहूं घर से ही ले रहे हैं.जिसके चलते किसानों की परेशानियां कम हो रही हैं.जबकि सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं का मूल्य कम है और भुगतान भी समय पर नहीं मिल पाता जिसके चलते सरकारी केंद्रों पर सन्नाटा छाया हुआ है,
उपनिदेशक जिला कृषि प्रशासन सत्यवीर सिंह ने बताया कि अलीगढ़ मंडल में 268 क्रय केंद्र खुले हुए हैं.जिसमें से 22 मंडी स्थलों में हैं,जिनमें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.मंडी में प्राइवेट रेट 2 हजार 150 से 2 हजार 200 तक चल रहा है.जबकि सरकारी केंद्रों पर 2015 का मूल्य निर्धारित हुआ है.इसीलिए किसान गेहूं प्राइवेट केंद्रों पर बेच रहे हैं.उनका कहना है कि अगर रेट यही रहे तो किसान अपना माल प्राइवेट में ही बेचेगा.
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