अलीगढ़ में जामा मस्जिद को लेकर भी सियासत तेज हो गई है.जिसकी वजह आरटीआई में दिए गए नगर निगम का जवाब है.दरअसल एक्टिविस्टपंडित केशव देव ने 23 जून 2021 को नगर निगम से सूचना मांगी थी कि ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद पर किसका मालिकाना हक है.नगर निगम द्वारा 31 जुलाई 2021 में दी गई सूचना में बताया कि जामा मस्जिद सार्वजनिक जमीन पर है इसका मालिकाना हक किसी व्यक्ति के नाम नहीं है इसी कारण जामा मस्जिद को लेकर सियासत चल रही है.
भाजपा की पूर्व मेयर शकुंतला भारती का कहना है कि अगर जामा मस्जिद सार्वजनिक जगह पर होने वाली बात में सत्यता है और नगर निगम का कहना है कि यह अवैध है तो अवैध चीज को टूटना चाहिए. उनका कहना है कि चाहे जामा मस्जिद हो या कुछ और हो वह हर हाल में टूटना चाहिए.
पंडित केशव देव ने बताया कि आरटीआई में आवेदन किया था कि जो ऊपर कोट स्थित जामा मस्जिद किसकी जमीन पर बनी है और इसका मालिक कौन है.पंडित केशव देव को जो नगर निगम द्वारा आरटीआई में जवाब दिया गया उसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि जामा मस्जिद सार्वजनिक भूमि पर बनी हुई है जो एक सरकारी संपत्ति है. जामा मस्जिद का जो निर्माण हुआ है उसकी कोई तिथि उल्लेखित नहीं की गई है.नगर निगम का कहना है कि जामा मस्जिद का अधिकार किसी भी व्यक्ति विशेष के पास नहीं है.
इस मामले में राकेश पटेल एडीएम सिटी अलीगढ़ का कहना है कि मामले की जानकारी उन्हें अभी पता चली है.साथ ही बोले कि जामा मस्जिद 300 साल से भी अधिक पुरानी धार्मिक स्थल है.इस आरटीआई के बारे में या कहीं किसी तरफ से कभी भी शिकायत प्रशासन के पास नहीं थी.उनका कहना है कि जामा मस्जिद को लेकर किसी भी व्यक्ति विशेष को कोई परेशानी नहीं है.
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