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मुफ्ती महबूबा के शिवलिंग पर जल चढ़ाने पर मुस्लिम धर्मगुरु भड़के, दिया बड़ा बयान 

Mehbooba Mufti controversy: अलीगढ़ में थियोलॉजी विभाग के पूर्व चेयरमैन व मुस्लिम धर्मगुरु प्रोफ़ेसर मुफ्ती जाहिद अली खा ...अधिक पढ़ें

वसीम अहमद
अलीगढ़: पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (PDP chief Mehbooba Mufti) ने पुंछ के नवग्रह मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था. इसको लेकर कई मुस्लिम संस्था उनके विरोध में आ गई हैं. अलीगढ़ में भी थियोलॉजी विभाग के पूर्व चेयरमैन व मुस्लिम धर्मगुरु प्रोफ़ेसर मुफ्ती जाहिद अली खान ने कहा कि खुदा के अलावा जो किसी और की इबादत करता है या बुत पूजा करता है वह इस्लाम से खारिज है. शिवलिंग पर जल चढ़ाना पूजा होती है. जो पूजा करेगा वह इस्लाम से खारिज होगा. उनको इस्लाम मे वापस आने के लिए दोबारा कई काम करने होंगे जिससे वह इस्लाम में वापस आ सके.

प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद अली खान ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने इस्लाम की तालीमात के खिलाफ काम किया है. इस्लाम एक अल्लाह की इबादत के अलावा ना मूर्ति पूजा की इजाजत देता है. ना कब्र को खुदा में शरीक मानकर उसकी इबादत करने की इजाजत देता है. ना शिवलिंग की इजाजत देता है, ना शिवलिंग पर जल चढ़ाने की इजाजत देता है, वह पूजा है.

इसी तरह तुलसी की इबादत करना भी उसी में शामिल है. पीपल की इबादत करना, गाय की इबादत करना, या ऐसी किसी तस्वीर जिस की पूजा की जाती हो. रामचंद्र जी, सीता जी की या कृष्ण जी, अगर इनमें से किसी एक की पूजा करें या इबादत करें और वह शिवलिंग पर जल चढ़ाकर इबादत करें एक ही बात है. जो ऐसा करेगा वह इस्लाम की तालीमात के खिलाफ होगा.

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मुसलमानों के यहां पैदा होने से कोई मुसलमान नहीं होता और काफिर के घर या गैर मुस्लिम के घर पैदा होने से गैर मुस्लिम नहीं होता. हर हाल में उसे अल्लाह की इबादत एक की करनी है. उसमें ब्रह्म साहब की कलम को सजदा करेगा तो वह भी काफिर है. अगर अजमेर या निजामुद्दीन को भी करेगा तो भी काफिर है. एक अल्लाह के अलावा जिसकी भी करेगा वह काफिर हो जाता है.

जाहिर है कि जो इस्लाम की तालीमात के खिलाफ एक अल्लाह की पूजा तो वो इस्लाम से खारिज हो गया. उनके लिए दोबारा कलमा पढ़कर ईमान लाना जरूरी है. इस्लाम में दाखिल होने के लिए उनको दोबारा कलमा ए तैयबन पढ़ना होगा, कलमा ए शादत पढ़ना होगा, एक अल्लाह को मानना होगा और नवियों के सिलसिले को जो वह मानती रही हैं.

उन्होंने कहा कि इस्लाम में इस तरह की चीजें हराम है और इस्लाम से खारिज है. इस्लाम में दाखिल ही नहीं रह सकता वो इंसान जो कब्र को खुदा के अंदर शरीक माने, या बुत को माने या शिवलिंग को माने या किसी और चीज को माने. जाहिर है इसके अलावा ओर क्या बात है. इस्लाम का उसूल थोड़ी बदलता है.मुफ्ती होने से मुसलमान नहीं होता. इस्लाम के मुताबिक अक़ीदा रखने पर मुसलमान होता है.कोई पैदाइशी मुसलमान नहीं होता.

बालिग होने के बाद अल्लाह पर ईमान लाना और तमाम नवियों पर ईमान लाना हिंदुस्तान में नवी भी है. हमारे बुजुर्ग कहते हैं कि रामचंद्र और कृष्ण जी भी नबी थे और शिवजी भी नबी थे. अगर यही बात सही मालूम होती है. क्योंकि अल्लाह ने हर जगह नबी भेजे हैं रसूल भेजे. लेकिन इस हद तक अगर अल्लाह के नबी है तो हम ईमान लाते हैं. शिवलिंग से क्या मतलब है. किसी की भी पूजा करना, शिवलिंग पर जल चढ़ाना पूजा होती है. जो पूजा करेगा वह इस्लाम से खारिज होगा.

Tags: Aligarh news, Lord Shiva, Mehbooba mufti, UP news, Uttar pradesh news

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