मजान का पाक महीना चल रहा है. रमजान के पाक महीने में इफ्तारी के दौरान रोजेदार खजूर खाकर रोजा खोलते है. लोगों के जहन में एक सवाल आता है कि आखिर खजूर खाकर ही रोजा क्यों खोला जाता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है.
रिपोर्ट : वसीम अहमद
अलीगढ़. रमजान का पाक महीना चल रहा है. इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह सेहरी के वक्त खाना खाने के बाद पूरा दिन भूखे-प्यासे रहते है. इसके बाद शाम के समय रोजा खोला जाता है. रोजा खोलने भी एक रस्म है जिसके अनुसार खजूर खाकर ही रोजा तोड़ा जाता है और फिर दूसरी चीजें खाई जाती हैं. आइए जानते है आखिर क्यों खजूर खाकर ही रोजा खोला जाता है.
रोजे के दौरान कुछ भी खाने और पीने की मनाही होती है. जिसके बाद शाम को रोजा खोलते समय एकदम ज्यादा खाना खाने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. इस वजह से रोजा खोलते समय खजूर को ज्यादा अहमियत दी जाती है, क्योंकि खजूर शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है. साथ ही खजूर खान से शरीर को काफी ऊर्जा मिलती है जो पूरे दिन खाना न खाने से शरीर में हुई कमजोरी को दूर करने में मदद करता है.
इस्लाम में सुन्नत है खजूर से रोजा खोलना
रमजान में खजूर खाकर रोजा खोलते हैं.एएमयू के पूर्व थियोलॉजी अध्यक्ष मुफ्ती ज़ाहिद अली कहते है कि इसे इस्लाम में सुन्नत माना जाता है. खजूर पैगंबर हजरत मोहम्मद का पसंदीदा फल था. वे खजूर खाकर रोजा खोलते थे. इसलिए आज भी खजूर खाकर रोजा खोला जाता है.
खजूर के साइंटिफिक फायदे
अलीगढ़ मे एक निजी अस्पताल चलाने वाले डॉ. मदनी बताते है कि दिनभर रोजा रखने से एनर्जी का लेवल कम होता है. ऐसे में रोजा खोलते ही खजूर खाने से बॉडी को तुरंत एनर्जी मिलती है. इसके अलावा इफ्तार के दौरान खाई जाने वाली अन्य चीजों को डाइजेस्ट करने में भी खजूर मदद करती है.एक दिन के लिए जरूरी फाइबर्स सिर्फ खजूर खाकर बॉडी को मिल सकता है . सिर्फ फाइबर्स ही नहीं, बल्कि खजूर में मौजूद बॉडी को हेल्दी रखने के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स की वजह से ही रमजान में खजूर खाकर रोजा खोलते हैं.
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