UP Chunav 2022: अलीगढ़ की बरौली विधानसभा सीट पर इस बार रोचक होगी चुनावी जंग.
अलीगढ़. 1967 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई बरौली सीट पर पहली बार 1974 में विधानसभा का चुनाव हुआ. इस सीट पर क्षत्रियों का दबदबा है. अब तक ठाकुर प्रत्याशी ही जीतते आए हैं. शुरुआत में 16 साल तक इस सीट पर सुरेंद्र सिंह चौहान का दबदबा रहा. 1991 में ठाकुर दलवीर सिंह ने सुरेंद्र सिंह का दबदबा खत्म किया. तब वह जनता दल से चुनाव लड़े थे. कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल में होते हुए दलवीर वर्तमान में इस सीट पर भाजपा से विधायक हैं. एक दिलचस्प पहलू और. इस सीट पर पिछले दो दशक से ठाकुर दलवीर सिंह और ठाकुर जयवीर सिंह में वर्चस्व की जंग हो रही थी. जयवीर सिंह बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे और दलवीर पार्टी बदल-बदल कर. परस्पर विरोधी दोनों ही नेता अब भाजपा में हैं. इस चुनाव में मैदान से पहले दोनों को पार्टी में ही टिकट के लिए वर्चस्व की लड़ाई लड़नी पड़ सकती है. किसी एक को टिकट मिलता है तो दूसरे का नाराज होना तय है. सभी की दिलचस्पी इस बात पर है कि अगर ऐसा होता है तो यह नाराजगी कैसा मोड़ लेती है.
दलवीर सिंह ने 1989 में पहला चुनाव लड़ा था. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में और दूसरे नंबर पर रहे थे. इसके बाद 1991 में जनता दल से लड़े और राम लहर के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को 16 हजार से अधिक मतों से हराया था. 1974 से लगातार जीत रहे कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह चौहान को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था. 1993 में दलवीर को भाजपा के मुनीष गौर से पराजित होना पड़ा. इसके बाद दलवीर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और 1996 में फिर जीतने में कामयाब रहे. 2002 का चुनाव रालोद के टिकट पर लड़े और बसपा उम्मदीवार ठाकुर जयवीर के हाथों करीब साढ़े 10 हजार वोटों से हार गए. 2007 का चुनाव में भी जयवीर के हाथों 4700 वोटों से पराजित हुए. 2012 में वापसी करते हुए रालोद के ही टिकट पर जयवीर को 12 हजार वोटों से हराया. 2017 के चुनाव से पहले भाजपा में पहुंच गए और इस बार बसपा से लड़ रहे ठाकुर जयवीर को फिर से 12 हजार से अधिक वोटों से हराया.
प्रदेश की सियासत में बरौली विधानसभा सीट की गिनती वीआईपी सीटों में होती रही है. यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले सुरेंद्र सिंह राजपूत से लेकर ठाकुर जयवीर तक प्रदेश सरकार में मंत्री बनते रहे. वर्तमान में ठाकुर जयवीर भाजपा से विधान परिषद के सदस्य हैं. इस चुनाव में उन्हें भी टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. 3.5 लाख से अधिक वोटरों वाली बरौली वाली सीट पर क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या 90 हजार के करीब है. ब्राह्मण और मुस्लिम 35-35 हजार, जाटव वोटरों की संख्या 30 हजार के करीब है.
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