अविनाश ने खुद को निर्दोष बताते हुये इस मामले में जारी समन व चार्जशीट रद्द करने की मांग की है. (सांकेतिक तस्वीर)
इलाहाबाद. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (Allahabad) में एक बड़ी खबर सामने आई है. सीबीआई (CBI) ने फर्रुखाबाद (Fatehgarh) में 1200 करोड़ रुपये के हुये खाद घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है. खास बात यह है कि सीबीआई ने हाईकोर्ट की इलाहाबाद बेंच के आदेश पर यह एफआईआर दर्ज की है. वहीं, सीबीआई को 21 मार्च को इस मामले में जांच रिपोर्ट पेश करनी है.
जानकारी के मुताबिक, इस सम्बन्ध में आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने अविनाश कुमार मोदी की याचिका पर दिया है. दरअसल, अविनाश ने अपनी याचिका में कहा था कि मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने बड़ी मछलियों को छोड़कर याची को बलि का बकरा बनाया है. घोटाले में लिप्त बड़े सरकारी अधिकारियों व स्कैम करने वाली कंपनी मदन माधव फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स को बरी कर दिया और 20 नामजद आरोपियों में से केवल पांच के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.
1200 करोड़ रुपये की खाद की आपूर्ति की थी
अविनाश ने कहा है कि यह घोटाला वर्ष 1989 से 2000 के बीच का है. अविनाश ने खुद को निर्दोष बताते हुये इस मामले में जारी समन व चार्जशीट रद्द करने की मांग की है. याची अविनाश पर आरोप लगाया गया था कि उसने उज्जवल ट्रेडिंग कम्पनी के माध्यम से मदन माधव फर्टिलाइजर कम्पनी को 1200 करोड़ रुपये की खाद की आपूर्ति की थी.
48 लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी हड़प ली
हिन्दुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह खाद किसानों के लिए थी. और उसे सब्सिडी पर दी जानी थी. पर अधिकारियों ने खुद ही खाद को डकार लिया. वहीं, मदन माधव फर्टिलाइजर कंपनी ने सरकार से 48 लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी हड़प ली. ईओडब्ल्यू ने फतेहगढ़ कोतवाली में 10 सितंबर, 2004 को एफआईआर दर्ज कराई करायी थी. इसकी जांच में आरोपी छह अधिकारियों से पूछताछ तक नहीं की गई थी. जबकि बिना सुबूत के उसके अविनाश के अलावा अन्य लोगों खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी.
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