के कार्यक्रम में शिरकत नहीं करने का फैसला लिया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष
ने कहा कि अखाड़ा परिषद राम मंदिर निर्माण को लेकर अलग से अभियान शुरु करेगा. उन्होंने शिवसेना और विहिप के कार्यक्रमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी देर से आंदोलन शुरू करने का क्या औचित्य है. राम मंदिर निर्माण को लेकर ठोस पहल होनी चाहिए.
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद ने चार व पांच दिसंबर को अयोध्या में बैठक का फैसला भी लिया है. जिसमें सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों के साथ मुस्लिम धर्म गुरुओं की मौजूदगी में राम मंदिर मुद्दे पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी और दूसरे मुस्लिम पक्षकारों से बात कर मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने की कोशिश करेंगे. महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जनवरी तक टलने के बाद मंदिर निर्माण के लिए दो ही रास्ते बचे हैं.
राम मंदिर निर्माण के लिए संसद कानून बनाये या फिर सभी पक्ष मिलकर आम सहमति से मंदिर निर्माण करें. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद न ही संत समिति के साथ है और न ही विहिप के साथ. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब विहिप और शिव सेना का उद्देश्य एक ही है, फिर एक दिन ही अयोध्या में अलग-अलग कार्यक्रम रखने का क्या औचित्य है. महंत नरेंद्र गिरी कहा कि राम मंदिर मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और धार्मिक भावनाओं से देखते हुए मंदिर निर्माण की इच्छा रखने वाले सभी लोगों को एक साथ एक मंच पर आना चाहिए.
वहीं कुंभ मेले में जमीन आवंटन को लेकर अखाड़ा परिषद की नाराजगी भी मेलाधिकारी के आश्वासन के बाद खत्म हो गयी है. सभी अखाड़े गंगा पार झूंसी की ओर जमीन लेने को तैयार हो गये हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 24, 2018, 10:00 IST