इलाहाबाद. फिल्म अभिनेता और निर्माता फरहान अख्तर और उनके निर्माता साथी रितेश सिधवानी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से राहत मिली है. दरअसल इनकी निर्मित मिर्जापुर को लेकर कुछ समय पहले एक एफआईआर दर्ज की गई थी. इसमें यह कहा गया था कि इस सीरीज के जरिए मिर्जापुर की क्षेत्रीय, सामाजिक व धार्मिक आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है. जस्टिस एम सी त्रिपाठी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस पर अहम फैसला किया. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ नहीं है जिससे कहा जा सके कि किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है.
गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने 29 जनवरी 2021 को दोनों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए विवेचना पूरी करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने याचीगण को विवेचना में सहयोग करने का भी निर्देश दिया था. याची अधिवक्ता मनीष तिवारी का कहना था यदि एफ आई आर के आरोपों को स्वीकार भी कर लिया जाए तो भी याचियों के खिलाफ कोई आपराधिक केस नहीं बनता है.
दुर्भावना से प्रेरित नहीं सीरीज
यह एफआईआर आईपीसी की धारा 295ए, आईटी एक्ट की धारा 67ए व अन्य धाराओं में दर्ज कराई गई थी. याचियों की ओर से कहा गया कि अगर एफआईआर में लगाये गए आरोपों को सही मान लिया जाए तो भी कोई मामला नहीं बनता है. याचियों के वकील की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा वेब सीरीज मिर्जापुर किसी दुर्भावना से प्रेरित होकर नहीं बनाई गई है. कोर्ट ने कहा है कि एफआईआर के आरोप व शिकायतकर्ता के बयान से नहीं कहा जा सकता कि वेब सीरीज किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है. कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है और एफआईआर को रद्द करने का आदेश पारित किया है.
गौरतलब है कि मिर्जापुर वेब सीरीज अब तक आई सभी वेब सीरीज में काफी लोकप्रिय रही है. इसे लेकर दर्शकों के बीच खास उत्साह रहा था. साथ ही सीरीज के एक्टर्स ने भी खूब वाहवाही लूटी थी.
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