इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को ऑनर किलिंग के आरोप में जेल में बंद सन्नी सिंह की सशर्त जमानत मंजूर कर ली. लेकिन हाईकोर्ट ने समाज में जाति प्रथा को लेकर बेहद गंभीर टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि भारत को स्वतंत्र हुए 75 साल बीत जाने के बाद भी जाति प्रथा समाज में गहरी जड़ें जमाए हुए है. लोग अपने को शिक्षित समाज में होने का दंभ भरते हैं लेकिन दोहरा जीवन जी रहे हैं. कोर्ट ने कहा समय आ गया है जब हमें जाति व्यवस्था के खिलाफ खड़ा होना चाहिए.
कोर्ट ने पीड़िता व परिवार को खतरे की आशंका जाहिर किए जाने पर एसएसपी, गोरखपुर को सुरक्षा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने याची सन्नी सिंह की अपील पर दिया है. कोर्ट ने सत्र न्यायालय के याची की जमानत अर्जी खारिज करने के आदेश को रद्द कर दिया है.
भरे बाजार हुई थी हत्या
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता का छोटा भाई अनीस कुमार अनुसूचित जाति ( एससी) का था. वह उरूवा ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी नियुक्त किया गया था. उसकी मोटर साइकिल पर आए बदमाशों ने दिन दहाड़े हत्या कर दी थी. हमले में उसके चाचा भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. दरअसल सुबह 10 बजे अनीस अपने चाचा के साथ बाजार गया था. तब अपराधियों ने उस पर धारदार हथियारों से हमला किया, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई.
कर ली सवर्ण से शादी
एफआईआर में 17 लोगों पर हत्या व षड्यंत्र का आरोप लगाया गया. कहा गया है कि उसकी गलती इतनी थी कि उसके साथ प्रशिक्षण ले रही सवर्ण जाति की लड़की से उसकी घनिष्टता बढ़ गई और उन्होंने शादी कर ली. लड़की के घर वाले इस शादी से नाखुश थे. इस कारण षड्यंत्र करके उसकी दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई.
याची के वकील का कहना था कि लड़की के नजदीकी व खून का सम्बन्ध रखने वाले आरोपियों की जमानत पहले मंजूर हो चुकी है. याची का लड़की से न तो कोई रक्त सम्बन्ध है और न ही उसका इस अपराध में कोई हाथ है. यहां तक कि लड़की ने अपने 161 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत दिए बयान में याची के सम्बन्ध में कुछ भी नहीं कहा है.
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