रिपोर्ट : अमित सिंह
प्रयागराज. हरियाली गुरु, ग्रीन मैन, स्नैक मैन, बीएमडब्ल्यू साइकिल वाले प्रोफेसर सहित यह कुछ ऐसे शब्द हैं जिन्हें आप गूगल पर सर्च करेंगे तो आपको बहुत कुछ रोचक पढ़ने और देखने को मिल जाएगा. 5जी के दौर में पर्यावरण के प्रति इतना प्रेम शायद ही हमें देखने को मिले. इस सभी नामों के साथ इनका आधिकारिक नाम प्रोफेसर एनबी सिंह है. केंद्रीय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग में बतौर प्रोफेसर कार्यरत रहे हैं. अब तक इन्होंने प्रयागराज सहित देश के कोने कोने में एक लाख से अधिक पौधारोपण किया है. इसके अलावा एक हजार से अधिक सापों को बचा कर उन्हें जंगल तक पहुंचाया है.
हरियाली गुरु बताते हैं कि छात्र जीवन से ही वह साइकिल की सवारी करते हैं. इसका कारण पर्यावरण के प्रति उनका आगाज प्रेम है. खास बात यह है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वह साइकिल से ही बच्चों को पढ़ाने जाते रहे. 48 सालों से वह इसी बीएमडब्ल्यू रूपी साइकिल का उपयोग कर रहे हैं.
ऐसा मिला हरियाली गुरु का नाम
27 मई 1996 को नरसिंह बहादुर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बॉटनी विभाग में बतौर प्रयोग प्रवक्ता नियुक्त किए गए. विश्व विद्यालय पहुंचने के बाद उन्होंने देखा कि विश्वविद्यालय में हरियाली का अभाव है. धीरे-धीरे उन्होंने विश्वविद्यालय के हर विभाग में साफ सफाई करनी शुरू कर दी. इसके साथ पौधों की देखभाल और नए पौधे को रोपने का जिम्मा भी उठा लिया. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई. कुछ साल के भीतर कैंपस हरा भरा हो गया. यहीं से ही विद्यार्थियों ने उन्हें हरियाली गुरु का नाम दे दिया.
88 रिसर्च प्रकाशित, दर्जनों पुरस्कार
विभिन्न जर्नलों में प्रोफेसर एनबी सिंह के 88 रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं. बॉटनी की विभिन्न किताबों में 24 अध्याय छप चुके हैं, जिनका छात्र अध्ययन करते हैं. विश्वविद्यालयों में होने वाले सेमिनार वर्कशॉप में समय-समय पर इन्हें बुलाया जाता है. वहीं, विभिन्न राज्यों में पर्यावरण के प्रति बेहतरीन कार्य करने के लिए इन्हें दर्जनों पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं.
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