प्रयागराज. प्रयागराज (Prayagraj) पहुंचे बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप (Narendra Kashyap) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी ने इस बात पर खेद भी जताया है कि शायद हम कुछ किसान और संगठनों को संतुष्ट नहीं कर सके. उन्हें इन कृषि सुधार कानूनों के फायदे के बारे में नहीं समझा सके. उन्होंने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरियादिली दिखाते हुए बड़े दिल का परिचय दिया है. इस फैसले की क्रिया और प्रतिक्रिया पूरे देश के किसानों में देखने को मिल रही है.
नरेन्द्र कश्यप ने कहा है कि मौजूदा सरकार ने अपनी सोच के साथ समझौता करते हुए किसानों के हित में फैसला लिया है. वहीं उन्होंने बीजेपी के ओबीसी मोर्चा को लेकर कहा है कि यूपी में बीजेपी का ओबीसी मोर्चा काफी सशक्त है. यह पिछड़े वर्ग के 55 फीसदी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. बीजेपी ओबीसी मोर्चा की ओर से लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी महीने लखनऊ में 19 सामाजिक सम्मेलन ओबीसी मोर्चा की ओर से आयोजित किए गए हैं. नवंबर के महीने में बीजेपी के सभी 98 संगठनात्मक जिलों में बीजेपी ओबीसी मोर्चा की बैठकें हो रही हैं. दिसंबर के महीने में ओबीसी मोर्चा द्वारा प्रदेश भर में 202 बड़ी रैलियां आयोजित की जाएंगी.
ओबीसी समाज के 27 सांसदों को कैबिनेट में जगह
उन्होंने कहा कि देश में पहली बार पीएम मोदी की सरकार है, जिसने ओबीसी कमीशन को दर्जा दिया है. ओबीसी समाज के 27 सांसदों को कैबिनेट में जगह दी गई है. केंद्र की मोदी सरकार ने नीट में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी का आरक्षण दिया है. उन्होंने कहा कि यूपी का पिछड़ा वर्ग समाज यह समझता है कि किसी सरकार ने इससे पहले पिछड़े वर्ग को सत्ता में हिस्सेदारी और संवैधानिक अधिकारों को दिलाने की कोशिश की नहीं की है. उन्होंने कहा है कि इसलिए अखिलेश और बसपा कुछ भी कहे पिछड़े वर्ग के लोग बीजेपी के साथ हैं और किसी के भी बहकावे और झांसे में आने वाले नहीं हैं.
वहीं बीजेपी की सहयोगी अपना दल की ओर से ओबीसी की जनगणना कराए जाने की मांग पर नरेंद्र कश्यप ने कहा है कि भारत लोकतांत्रिक देश है और सभी पार्टियों को अपनी मांग कर रखने का हक है, लेकिन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे रखा है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियां जनगणना के पक्ष में नहीं हैं. इसलिए सरकार ने उसे रोका है.
कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने का श्रेय समाजवादी पार्टी द्वारा लिए जाने को लेकर कहा है कि देश और दुनिया जानती है कि पीएम नरेंद्र मोदी देश के बारे में कड़े निर्णय लेने में कभी कोई कोताही नहीं करते हैं. चाहे धारा 370 का मामला हो, 35ए का मामला हो, तीन तलाक का मामला हो या जीएसटी का मामला हो. उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है तो मैं समझता हूं कि उन्हें अपने इस तरह के अभियान पर पुनर्विचार करना चाहिए.
समाजवादी पार्टी को समझना चाहिए कि उनकी सत्ता को प्रदेश की जनता ने पहले से देखा होगा है, उनकी परेशानियों को देखा है. समाजवादी पार्टी की सरकार तीन चार जिलों में चलती थी. उससे ज्यादा कभी उसका लाभ प्रदेश की जनता को नहीं मिला. इसलिए समाजवादी पार्टी का श्रेय लेने का अभियान प्रदेश की जनता अच्छी तरह से जानती है.
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