भदोही के ज्ञानपुर से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को हाईकोर्ट से मिली फौरी राहत

बाहुबली विधायक विजय मिश्रा (File photo)
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के प्रयागराज स्थित मकान के ध्वस्तीकरण पर लगी रोक 15 दिसम्बर तक बढ़ा दी है और याची को नक्शे के विपरीत निर्माण हटाने की छूट जारी रखी है. याचिका की सुनवाई 15 दिसम्बर को होगी.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: December 3, 2020, 5:52 PM IST
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से भदोही (Bhadohi) के ज्ञानपुर सीट से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा (Vijay Mishra) को फौरी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के प्रयागराज स्थित मकान के ध्वस्तीकरण पर लगी रोक 15 दिसम्बर तक बढ़ा दी है और याची को नक्शे के विपरीत निर्माण हटाने की छूट जारी रखी है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया. कोर्ट ने याची को इसका जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. याचिका की सुनवाई 15 दिसम्बर को होगी.
ये है पूरा मामला
इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व प्रयागराज विकास प्राधिकरण से दो सप्ताह मे याचिका पर जवाब मांगा था और कहा था कि हलफनामे में इस बात का खुलासा करे कि याची को प्रतिवाद करने व सुनवाई का उचित अवसर क्यों नहीं दिया गया? यह आदेश जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र की एकल पीठ ने विजय मिश्रा की सास इंद्रकली व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है. याची के अधिवक्ता लोकेश कुमार द्विवेदी का कहना था कि 5 नवम्बर 2020 को शाम 5 बजे ध्वस्तीकरण का आदेश किया और 15 मिनट के भीतर कार्रवाई शुरू कर दी. याची को बचाव का मौका देने से इंकार कर दिया गया. यह भी दलील दी गई कि मकान दोनों याचियों के नाम है. पीडीए ने केवल एक को ही नोटिस दी है. पूर्व स्वामी ने 3 फरवरी 1980 को ही एडीए से नक्शा पास करवाकर निर्माण की अनुमति ली थी.
खुद कहा था कब्जा हटा लेंगे, फिर भी किया ध्वस्तीकरणयाचीगण ने खुद ही कहा था कि नक्शे के विपरीत निर्माण पाये जाने पर वह स्वयं हटा लेंगे. इसकी अनदेखी कर स्वीकृत नक्शे के अनुसार बने निर्माण गिराए गए हैं. कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी और जवाब मांगा. कोर्ट ने अंतरिम आदेश 15 दिसम्बर तक बढ़ा दिया है, जिससे 15 दिसम्बर तक पीडीए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं करेगी. हालांकि कि पीडीए मकान का आधा हिस्सा जमींदोज कर चुका है.
ये है पूरा मामला
इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व प्रयागराज विकास प्राधिकरण से दो सप्ताह मे याचिका पर जवाब मांगा था और कहा था कि हलफनामे में इस बात का खुलासा करे कि याची को प्रतिवाद करने व सुनवाई का उचित अवसर क्यों नहीं दिया गया? यह आदेश जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र की एकल पीठ ने विजय मिश्रा की सास इंद्रकली व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है. याची के अधिवक्ता लोकेश कुमार द्विवेदी का कहना था कि 5 नवम्बर 2020 को शाम 5 बजे ध्वस्तीकरण का आदेश किया और 15 मिनट के भीतर कार्रवाई शुरू कर दी. याची को बचाव का मौका देने से इंकार कर दिया गया. यह भी दलील दी गई कि मकान दोनों याचियों के नाम है. पीडीए ने केवल एक को ही नोटिस दी है. पूर्व स्वामी ने 3 फरवरी 1980 को ही एडीए से नक्शा पास करवाकर निर्माण की अनुमति ली थी.
खुद कहा था कब्जा हटा लेंगे, फिर भी किया ध्वस्तीकरणयाचीगण ने खुद ही कहा था कि नक्शे के विपरीत निर्माण पाये जाने पर वह स्वयं हटा लेंगे. इसकी अनदेखी कर स्वीकृत नक्शे के अनुसार बने निर्माण गिराए गए हैं. कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी और जवाब मांगा. कोर्ट ने अंतरिम आदेश 15 दिसम्बर तक बढ़ा दिया है, जिससे 15 दिसम्बर तक पीडीए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं करेगी. हालांकि कि पीडीए मकान का आधा हिस्सा जमींदोज कर चुका है.