प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में केंद्र सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन-पूजन
प्रयागराज. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment Act) और एनआरसी (NRC) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen bagh of New Delhi) की तर्ज पर प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में भी मुस्लिम महिलाओं का धरना लगातार दसवें दिन भी जारी है. सैकड़ों की तादाद में महिलायें अपने बच्चों को लेकर मंसूर अली पार्क (Mansoor Ali Park) में धरना दे रही हैं और सीएए (CAA) को काला कानून बताते हुए उसे वापस लिए जाने की भी मांग कर रही है.
आंदोलनरत महिलाओं ने जहां बीते शुक्रवार को धरना स्थल पर ही नमाज अता की थी और सीएए और एनआरसी को वापस लिए जाने के लिए दुआयें मांगी थी. वहीं मंगलवार को देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता और केन्द्र सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए साधु-संतों से हवन भी कराया है.
CAA हिंदुओं- मुसलमानों को बांटने वाला काला कानून !
CAA-NRC-NPR के खिलाफ धरना दे रही महिलाओं का कहना है कि ये हवन इसलिए भी जरूरी है ताकि केंद्र सरकार को सदबुद्धि आये और देश को हिंदू और मुस्लिम में बांटने वाला काला कानून सरकार वापस ले. गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर यूपी में सबसे पहले 12 जनवरी से मुस्लिम महिलाओं का धरना शहर के रोशन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में शुरु हुआ था. जिसके बाद से लगातार इस धरने को कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला है. हांलाकि बीते दिनों धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में लगभग ढाई सौ लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है. लेकिन उसके बावजूद भी मुस्लिम महिलायें 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में आने वाले फैसले का इंतजार कर रही हैं.
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