इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के धर्मांतरण0 अध्यादेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी है (File photo)
प्रयागराज. यूपी सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश (Anti Coversion Ordinance) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में बुधवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अगली सुनवाई पर नई अर्जी दी जाएगी. बता दें विधानमंडल के दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद ये अध्यादेश कानून बनने जा रहा है. नई अर्जी में अध्यादेश के बजाय अब कानून को चुनौती दिए जाने की तैयारी है. मामले की अगली सुनवाई छह अप्रैल को होगी.
लव जिहाद (Love Jihad) की घटनाओं को रोकने के लिए यूपी सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में बैठी स्पेशल बेंच में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने हलफनामा दाखिल कर अदालत को बताया कि धर्मांतरण अध्यादेश अब कानून बन चुका है. विधानसभा और विधान परिषद में अध्यादेश पास होने के बाद बिल को गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने भी मंजूरी दे दी है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने नए कानून का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.
नया कानून हो गया है प्रभावी: सरकार
चार मार्च को राजभवन से अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद यूपी सरकार ने पांच मार्च को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस तरह से अध्यादेश लाये जाने की तारीख 27 नवंबर 2020 से यह नया कानून प्रभावी हो गया है.
मामले की सुनवाई के दौरान बदायूं के याचिकाकर्ता अधिवक्ता सौरभ कुमार ने एक अमेंडमेंट एप्लीकेशन डाली, जिसमें उन्होंने अध्यादेश के बजाय अब नए कानून को चुनौती देने की बात कही. जिसका राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कड़ा विरोध किया. राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने कहा कि नए कानून में अध्यादेश से कई बदलाव कर दिया गया है. इस तरह से अमेंडमेंट एप्लीकेशन के जरिए नए कानून को चुनौती नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने अधिनियम और नए कानून को देखकर याची अधिवक्ता से कई प्रश्न पूछे. इसका सही उत्तर याची अधिवक्ता नहीं दे पाए. याची अधिवक्ता से श्रेष्ठ दाखिल करने को कहा और पुरानी याचिकाओं पर कोई सुनवाई नहीं की.
कोर्ट ने अमेंडमेंट एप्लीकेशन नहीं की स्वीकार
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल के मुताबिक कोर्ट ने याची अधिवक्ता की बातों से कोई संतुष्टि जाहिर नहीं की और अमेंडमेंट एप्लीकेशन भी स्वीकार नहीं की. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 6 अप्रैल नियत की है. छह अप्रैल को कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई करेगी. 6 अप्रैल को याचियों को ओर से नई अर्जी दाखिल की जाएगी या फिर पहले से दाखिल याचिका पर कोर्ट कोई फैसला सुनाएगी. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की स्पेशल बेंच में मामले की सुनवाई हुई.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Allahabad high court, Anti conversion bill, Uttarpradesh news, Yogi government
मशहूर अभिनेत्री का ट्विटर पर क्रिकेटर को आया मैसेज, हुई लंबी बातें, फिर प्रेग्नेंट हो गई और बिन शादी बनी मां
सबसे ज्यादा हिट फिल्में देने में शाहरुख खान से आगे हैं ये 3 सुपरस्टार, चौंका देगा तीसरा नाम, देखें LIST
ऋषभ पंत के साथ मिलकर तोड़ा ‘गाबा का घमंड’…रोहित ने धांसू ऑलराउंडर को दी वाइल्ड-कार्ड एंट्री!