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Prayagraj: मोबाइल गेम्स नहीं, बल्कि 'वेदपाठ' करते हैं यहां के बच्चे, इस गुरुकुल की यह है पात्रता

श्री भारती तीर्थ वेद पाठशाला प्रयागराज के पूर्व प्राचार्य डॉ. चिरंजीवी शर्मा ने बताया लगभग 70 वर्षों से यह पाठशाला संचा ...अधिक पढ़ें

    अमित सिंह

    प्रयागराज. आधुनिकता के इस युग में बच्चे जहां मोबाइल गेम्स, रील्स आदि की ओर भाग रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर आठ बर्ष के बच्चे वेदपाठ की शिक्षा लेकर सनातन की धर्मध्वजा को उठाए हुए हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के दारागंज इलाके में संचालित इस गुरुकुल में 300 से अधिक विद्यार्थी  वेदपाठ की शिक्षा ले रहे हैं. आश्चर्य की बात यह है कि नित अभ्यास के करण बड़े कठिन श्लोकों को सहजता पूर्वक गान कर रहे हैं.

    श्री भारती तीर्थ वेद पाठशाला प्रयागराज के पूर्व प्राचार्य डॉ. चिरंजीवी शर्मा ने बताया लगभग 70 वर्षों से यह पाठशाला संचालित है. यहां बच्चों को वेद पाठ की शिक्षा प्रदान की जाती है. उन्होंने कहा कि हम भले ही कितने आधुनिक युग में आ जाएं. लेकिन, हमे इसे जानने के लिए अपने मूल को स्वीकार करना होगा और यह मूल हमें वेद पाठ से ही प्राप्त होगा.

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    ऐसे होती है गुरुकुल में दिनचर्या

    पूर्व प्राचार्य ने कहा कि पाठशाला में आठ से 12 साल तक के बटुक मौजूद हैं. इन्हें सुबह चार बजे उठना होता है. इसके बाद स्नान एवं नित्य क्रिया के बाद आरती और कीर्तन में लीन हो जाना होता है. प्राचीन समय में जैसे गुरुकुल में बच्चों को शिक्षा दी जाती है वैसे ही यहां पर इन्हें सिखाया जा रहा है. यह धोती-कुर्ता पहनते हैं और माथे पर बड़ा तिलक लगाते हैं. सिर में चुटिया रखना आवश्यक है. प्रत्येक माह इनका मुंडन होता है. पांच साल तक इन्हें गुरुकुल किसी परंपरा में रहना होता है.

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