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प्रयागराज : दो लड़कियों ने की अपनी समलैंगिक शादी को मान्यता देने की मांग, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया इनकार

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को 17 हजार मानदेय दिए जाने के मामले पर 
 इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. (प्रतीकात्मक)

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को 17 हजार मानदेय दिए जाने के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. (प्रतीकात्मक)

प्रयागराज के अतरसुइया थाना अंतर्गत निवासिनी मां अंजू देवी ने कोर्ट से कहा कि उसकी बेटी बालिग है. उसे एक लड़की ने अवैध न ...अधिक पढ़ें

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की दो किशोरियों की मांग अस्वीकार कर दी है. दरअसल एक मां ने अपनी बेटी को दूसरी लड़की के चंगुल से मुक्त कराने को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है. कोर्ट ने मां मंजू देवी की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी जा सकती है.

गौरतलब है कि प्रयागराज के अतरसुइया थाना अंतर्गत निवासिनी मां अंजू देवी ने कोर्ट से कहा कि उसकी बेटी बालिग है. उसे एक लड़की ने अवैध निरुद्धि में रखा है. उसकी बेटी को दूसरी लड़की के चंगुल से मुक्त कराया जाए. कोर्ट के आदेश पर दोनों लड़कियां अदालत में हाजिर हुईं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वे वयस्क हैं. दोनों ने आपसी सहमति व मर्जी से समलैंगिक विवाह कर लिया है. इसलिए उनके समलैंगिक विवाह को न्यायालय द्वारा मान्यता प्रदान किया जाए. इसके साथ ही उनके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने से रोका जाए.

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इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि भारतीय संस्कृति में समलैंगिक विवाह की अनुमति नहीं है. अदालत में कहा गया कि किसी भी कानून में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी गई है. समलैंगिक विवाह को मान्यता प्रदान नहीं की जा सकती, क्योंकि इस शादी से संतानोत्पत्ति नहीं की जा सकती. कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग खारिज कर दी और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका निस्तारित कर दी.

Tags: Allahabad high court, Homosexual Relation, Prayagraj News, Same Sex Marriage

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